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देहरादून-नेपाल मार्ग पर यातायात बहाल, मैत्री सेवा बस शुरू

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 15 सित॰

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नेपाल में लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक अस्थिरता और विद्रोह की स्थिति के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। इसी क्रम में नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने आज मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, देश में आम चुनाव की तारीख भी तय कर दी गई है, जो आगामी 5 मार्च को होंगे। यह राजनीतिक स्थिरता नेपाल के साथ-साथ भारत के लिए भी राहत की खबर लेकर आई है।


नेपाल में जब हालात सुधरे, तो इसका सकारात्मक असर भारत-नेपाल के सीमाई क्षेत्रों पर भी दिखने लगा है। चार दिनों से बंद पड़ी देहरादून-नेपाल मार्ग की मैत्री बस सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच आवाजाही, व्यापार और आपसी संवाद में फिर से गति लौट आई है। यह सेवा नेपाल में हाल ही में भड़के विद्रोह के कारण मंगलवार से स्थगित कर दी गई थी। अब शांति और राजनीतिक स्पष्टता के माहौल में यह बस सेवा दोबारा शुरू कर दी गई है।


देहरादून और नेपाल के महेंद्रनगर के बीच वर्षों से चल रही यह मैत्री बस सेवा सीमावर्ती इलाकों के लोगों के लिए न केवल यात्रा का साधन है, बल्कि दो देशों के आपसी रिश्तों का जीवंत प्रतीक भी है। सेवा के फिर से शुरू होने से दोनों ओर के यात्रियों को राहत मिली है। देहरादून से यह बस हरिद्वार, नजीबाबाद, धामपुर, रुद्रपुर, टनकपुर और बनबसा होते हुए महेंद्रनगर तक जाती है। यह बस रोजाना रात 8:15 बजे देहरादून से रवाना होती है।


नेपाल में अब राजनीतिक दिशा स्पष्ट हो रही है और सरकार के पुनर्गठन की प्रक्रिया के साथ संविधानिक ढांचा स्थिरता की ओर बढ़ रहा है। भारत और नेपाल के बीच चलने वाली मैत्री बस सेवा का फिर से शुरू होना इस बात का संकेत है कि सामान्य जीवन की वापसी शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच पुराने संबंध, आपसी व्यापार और पारिवारिक रिश्ते इस सेवा के माध्यम से एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगे हैं।


इस घटनाक्रम ने यह भी सिद्ध किया है कि जब राजनीतिक स्थिरता लौटती है, तो उसका प्रभाव सीमाओं से परे आम जनजीवन पर भी सकारात्मक रूप में पड़ता है। नेपाल में नई सरकार के गठन और चुनावों की घोषणा से ना सिर्फ वहां के नागरिकों को राहत मिली है, बल्कि सीमापार बसे लोगों के दिलों में भी उम्मीद की लौ फिर से जल उठी है।

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