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धराली की तबाही ने ताजा किए केदारनाथ त्रासदी के जख्म, चश्मदीदों की रूह कंपा देने वाली आपबीती

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 अग॰
  • 3 मिनट पठन
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उत्तरकाशी ज़िले के धराली और आस-पास के क्षेत्रों में आई प्राकृतिक आपदा ने पूरे उत्तराखंड को हिला कर रख दिया है। इस भयावह घटना के वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं, जिनमें लोगों को चीखते, भागते और अपनी जान बचाते हुए देखा जा सकता है। एक वीडियो में एक व्यक्ति बाढ़ के तेज़ बहाव से निकलकर सुरक्षित स्थान तक पहुँचने की जद्दोजहद करता नजर आता है। इन दृश्यों ने लोगों को एक बार फिर 2013 की केदारनाथ त्रासदी की भयानक यादों में डुबो दिया है।


“जिंदगी में ऐसा मंजर कभी नहीं देखा” — चश्मदीद की आंखों देखा हाल

धराली के पास स्थित मुखबा गांव के निवासी और इस घटना के चश्मदीद 60 वर्षीय सुभाष चंद्र सेमवाल बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी खतरनाक आपदा पहले कभी नहीं देखी। उन्होंने कहा-दोपहर का समय था, अचानक पानी के तेज़ बहाव की आवाज़ सुनाई दी। बड़े-बड़े पत्थर खतरनाक रफ्तार से नीचे गिर रहे थे। हम घर से बाहर आए और देखा कि खीर गंगा नदी उफान पर थी।


सेमवाल बताते हैं कि उन्होंने और उनके परिवार ने तुरंत धराली बाजार के लोगों को चेताने के लिए सीटियां बजाईं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर लोगों को वहाँ से भागने को कहा।


"हमने जितना हो सका, उतना चिल्लाकर लोगों को अलर्ट किया, पर पानी का बहाव बहुत तेज़ था। कुछ लोग होटलों से बाहर निकल पाए, लेकिन कई लोग उसकी चपेट में आ गए।"


लोगों की चीखें, दौड़ते कदम और मोबाइल पर मदद की गुहार

इस त्रासदी के एक अन्य वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग डर के मारे दौड़ रहे हैं, अपने प्रियजनों को फोन कर रहे हैं और एक युवक कहता है, "सब खत्म हो गया..." यह दृश्य भयावहता की गहराई को बयां करता है।


धराली बना तबाही का केंद्र, प्रशासन और बचाव टीमें तैनात

गौरतलब है कि गंगोत्री धाम जाने वाले यात्रियों के लिए धराली एक मुख्य स्टॉपओवर है, जहां कई होटल, रेस्त्रां और होमस्टे मौजूद हैं। यही क्षेत्र इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। घटना के बाद सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी से जुटी हुई हैं। सेना का हर्षिल कैंप, जो धराली से महज़ 4 किलोमीटर दूर है, भी इस आपदा की चपेट में आ गया है। कई जवानों के लापता होने की सूचना है।


सेना द्वारा साझा किए गए वीडियो में हर ओर मलबा, टूटी सड़कें और बर्बादी का मंजर साफ देखा जा सकता है। इस बीच प्रशासन ने लोगों से धराली और आस-पास के इलाकों से दूर रहने की अपील की है।


रेस्क्यू ऑपरेशन पर बारिश बनी बाधा, हालात बेहद गंभीर-


SDRF की 50 सदस्यीय टीम राहत कार्य में जुटी है।


NDRF की 4 टीमें और ITBP की 3 टीमें भी मौके पर सक्रिय हैं।


लगातार बारिश के चलते हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन संभव नहीं हो पा रहा है।


हर्षिल हेलीपैड क्षेत्र में बाढ़ जैसा जलभराव हो गया है।


गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगहों पर मलबा और बोल्डर गिरने से आवाजाही ठप हो गई है।


BRO युद्धस्तर पर मार्ग बहाल करने में जुटा है।


राज्य और केंद्र सरकार सतर्क, नदियों से दूर रहने की अपील

राज्य सरकार हालात की निगरानी कर रही है, और प्रशासनिक अधिकारी लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं। लोगों से आग्रह किया गया है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।


इस बीच भय और असुरक्षा के माहौल में कई लोग धराली और आसपास के गांवों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

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