UK: 55 नए ANPR कैमरे लगाए जाएंगे, ग्रीन सेस वसूली होगी अब और भी आसान
- ANH News
- 13 मई
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उत्तराखंड में परिवहन विभाग ने राज्यभर में यातायात नियंत्रण और पर्यावरणीय नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। विभाग अब प्रदेश में 55 नए एएनपीआर (आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनाइजेशन) कैमरे लगाने जा रहा है, ताकि ग्रीन सेस वसूली और नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही, विभाग ने इन कैमरों को नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ इंटीग्रेटेड करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिससे ग्रीन सेस की वसूली और वाहन चालान की प्रक्रिया और अधिक सुचारू होगी।
एएनपीआर कैमरों की संख्या बढ़ाकर 105 की जाएगी
पहले राज्य में 17 स्थानों पर 50 एएनपीआर कैमरे लगाए गए थे, लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने के लिए काफी समय से प्रयास जारी थे। अब तकनीकी समस्याओं के समाधान के बाद परिवहन विभाग ने राज्य के 20 नए स्थानों पर 55 और कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इसके बाद प्रदेश में कुल 105 एएनपीआर कैमरे हो जाएंगे। संयुक्त परिवहन आयुक्त, श्री सनत कुमार सिंह के अनुसार, इन नए कैमरों को एक महीने के भीतर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रीन सेस वसूली की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए NPCI से इंटीग्रेटेड
परिवहन विभाग ने बताया कि अब से ग्रीन सेस की वसूली नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के माध्यम से की जाएगी, जो इस प्रक्रिया को आसान और तेज बनाएगा। इस इंटीग्रेशन के बाद, जिन वाहनों में फास्ट टैग होगा, उनके वालेट से स्वचालित रूप से तय राशि कट जाएगी। इससे न केवल ग्रीन सेस वसूली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि वाहन चालकों को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
बाहरी राज्यों के वाहनों से भी ग्रीन सेस लिया जाएगा
इस नई व्यवस्था के तहत बाहरी राज्यों से आने वाले निजी और व्यावसायिक वाहनों से भी ग्रीन सेस लिया जाएगा। हालांकि, एक वाहन से 24 घंटे में केवल एक बार ही ग्रीन सेस वसूला जाएगा, भले ही वह राज्य में विभिन्न स्थानों पर कैमरों द्वारा पकड़ा जाए। उप परिवहन आयुक्त श्री राजीव मेहरा ने बताया कि इस व्यवस्था से बाहरी राज्य के वाहनों से भी पर्यावरणीय शुल्क सुनिश्चित तरीके से लिया जा सकेगा।
फिटनेस, टैक्स और चालान की डिजिटल निगरानी
परिवहन विभाग ने एएनपीआर कैमरों को वाहन फोर (वाहन संबंधित डाटा) से जोड़ने की भी योजना बनाई है, जिससे वाहन की फिटनेस, टैक्स और अन्य जरूरी जानकारी सीधे कैमरों से मिल सकेगी। यदि किसी वाहन का फिटनेस, टैक्स या अन्य नियमों का उल्लंघन हुआ तो संबंधित चालान सीधे वाहन मालिक के पास पहुंच जाएगा, जिससे नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
यह नई व्यवस्था राज्य की सड़क सुरक्षा और पर्यावरणीय नीतियों को मजबूत करेगी, साथ ही साथ पारदर्शिता और समर्पण के साथ चालान की प्रक्रिया को भी तेज करेगी।





