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फिर से तबाही की आहट...खीरगंगा के मुहाने पर जमा भारी मलबा, भविष्य में बड़े नुकसान की आशंका

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 15 अग॰
  • 3 मिनट पठन
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धराली और हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के दौरान आसपास के 11 सरकारी स्कूल भवन पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। पांच अगस्त को आई त्रासदी में इन विद्यालयों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वर्तमान में विद्यालयों में पढ़ रहे सभी छात्र-छात्राएं अपने अभिभावकों की निगरानी में सुरक्षित हैं और पढ़ाई जारी है। इस राहत की खबर से क्षेत्र में शैक्षिक गतिविधियाँ प्रभावित नहीं हुई हैं।


मुखबा-धराली झूला पुल का तार टूटने से अस्तित्व खतरे में

मुखबा और धराली को जोड़ने वाला झूला पुल मंगलवार देर रात एक तार टूटने के बाद गंभीर क्षति के कगार पर पहुंच गया है। साथ ही पुल के पिलर के नीचे निरंतर नदी की कटाव प्रक्रिया ने पुल की स्थिरता पर बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। बुधवार को इस पुल पर एक बार में केवल एक व्यक्ति के गुजरने की अनुमति दी गई है, और खच्चरों के जरिए राशन की आपूर्ति बाधित हो गई है। इस पुल के टूटने से राहत एवं बचाव कार्यों में भारी अड़चनें आ सकती हैं।


धराली में मलबे के नीचे लापता लोगों की खोज जारी, सफलता अभी सीमित

धराली में आपदा के नौ दिन बाद भी मलबे के नीचे दबे हुए लापता लोगों की तलाश जारी है। डॉग स्क्वाड, थर्मल कैमरा और ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग कर राहत दल खोज कार्य में लगे हुए हैं। एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि अभी तक केवल एक शव ही बरामद हो पाया है। सड़क मार्ग बंद होने के कारण मलबे को हटाना भी कठिनाई भरा हो गया है, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। हर दिन आयोजित की जा रही बैठकों में तलाश की रणनीति पर चर्चा की जा रही है।


खीरगंगा के मुहाने पर बड़ा खतरा, मलबे और बोल्डरों से पुनः तबाही की आशंका

धराली गांव के निकट खीरगंगा नदी के मुहाने पर लगभग 15 फीट गहरा मलबा जमा हुआ है, जिस पर दो बड़े बोल्डर अटके हुए हैं। यदि ये बोल्डर अचानक पानी के बहाव के साथ नीचे आएं तो भारी तबाही हो सकती है। इस संबंध में एनडीआरएफ ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है और सतर्कता बरतने को कहा है।


गंगोत्री तक सड़क मार्ग तीन दिन में खुलेगा, फिलहाल यात्रा प्रतिबंधित

धराली, हर्षिल, डबरानी, सोनगाड़, लोहारीनाग सहित आसपास के क्षेत्रों में मलबा और भू-धंसाव के कारण गंगोत्री मार्ग नौ दिन से बंद है। लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि सीमा सड़क संगठन के सहयोग से सड़क मार्ग खोलने का प्रयास जारी है, लेकिन तीन से चार दिन और लगेंगे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्या ने भी इस बात की पुष्टि की है।


आपदा के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम धराली पहुंची

शासन की ओर से गठित पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम धराली में पहुंच गई है। इस टीम में उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. डीपी कानूनगो, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के निदेशक रवि नेगी, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के डॉ. अमित कुमार और उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र के प्रधान सलाहकार मोहित कुमार शामिल हैं। टीम ने मलबे के नमूने जांचे, खीरगंगा के प्रवाह क्षेत्र का निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से आपदा की जानकारी जुटाई। आज भी टीम प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण जारी रखेगी।


हर्षिल में भागीरथी नदी की झील में पानी की निकासी तेज करने के प्रयास

हर्षिल में भागीरथी नदी के ऊपर बनी झील की गहराई लगभग 10 से 15 फीट बताई गई है। सिंचाई विभाग और संबंधित अन्य विभागों की टीम पानी की निकासी बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। झील के मुहाने को चौड़ा किया जा रहा है ताकि जल निकासी बेहतर हो सके और बाढ़ का खतरा कम किया जा सके। मैनुअल तरीकों से निकासी के प्रयास जारी हैं।


हर्षिल में छह खोजी कुत्तों के दल तैनात, सुरक्षा कड़ी

हर्षिल हेलीपेड की सुरक्षा के लिए 25 जवान तैनात किए गए हैं। जलस्तर बढ़ने की पूर्व चेतावनी के लिए एसवीएल सेंटर में दो PTZ कैमरे लगाए गए हैं। निचले सैन्य शिविर में छह कुत्तों के खोज एवं बचाव दल भी तैनात किए गए हैं। सेना ने खोजबीन अभियान भी जारी रखा है।


धराली में राहत कार्य जारी, दो खच्चरों और एक गाय के शव मिले

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी की संयुक्त टीमों ने धराली में मलबे की खुदाई की। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) की सहायता से मलबे के नीचे दबे लोगों और जानवरों के अवशेष मिले हैं। दो खच्चरों और एक गाय के शव बरामद हुए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटकर राहत कार्य जारी हैं।


संचार बहाल, अतिरिक्त हेलिकॉप्टर तैनात

धराली में बुधवार को संचार सेवा फिर से बहाल कर दी गई है। राहत कार्यों के लिए दो चिनूक और एक एमआई हेलिकॉप्टर धरासू और चिन्यालीसौड़ में तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही एक एएलएच हेलिकॉप्टर भी वहां पहुंच चुका है।

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