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ऑपरेशन कालनेमि से ढोंगियों की शामत, पाखंड के खिलाफ सीएम धामी की सख्त चेतावनी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड की पावन भूमि को पाखंड और अंधविश्वास के जहर से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाया है। समाज को भ्रमित करने वाले फर्जी साधु-संतों और ढोंगी बाबाओं के खिलाफ राज्य सरकार ने 'ऑपरेशन कालनेमि' नाम से एक विशेष अभियान शुरू किया है।


असुर कालनेमि से सीख, आज के 'पाखंडी कालनेमियों' पर करारा प्रहार

मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा:


“जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धरकर लोगों को भ्रमित किया था, उसी तरह आज भी समाज में कई 'कालनेमि' सक्रिय हैं, जो धार्मिक वेशधारण कर अपराध कर रहे हैं। हमारी सरकार सनातन संस्कृति की गरिमा, जनभावनाओं और सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। ऐसे पाखंडी तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”


इस बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उत्तराखंड में आस्था की आड़ में अपराध और पाखंड को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


'ऑपरेशन कालनेमि' की पृष्ठभूमि: क्यों पड़ी ज़रूरत?

हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहाँ कुछ असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धरकर, विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी, छल और धार्मिक भ्रम फैला रहे हैं।


इन घटनाओं ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है, बल्कि सनातन संस्कृति की छवि और सामाजिक सौहार्द को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है।


ढोंगी बाबाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति

मुख्यमंत्री ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:


धर्म, जाति या पंथ से परे जाकर, जो भी व्यक्ति पाखंड और अंधविश्वास के नाम पर लोगों को गुमराह करता है, उसकी तत्काल पहचान कर उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।


राज्य सरकार इस मामले में "जीरो टॉलरेंस" नीति अपनाएगी — यानी किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी।


देवभूमि की गरिमा की रक्षा सर्वोपरि

राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि:


"उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।"


देवभूमि को पाखंड से मुक्त कर स्वच्छ, पारदर्शी और आध्यात्मिक रूप से समर्पित बनाने का संकल्प मुख्यमंत्री धामी ने दोहराया है।


जनता से भी की गई है सीधी अपील

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से भी आग्रह किया है कि:


यदि किसी को किसी भी फर्जी साधु, ढोंगी बाबा या धर्म के नाम पर ठगी करने वाले व्यक्ति की जानकारी हो, तो उसे तत्काल प्रशासन को सूचित करें।


“आस्था का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”


'ऑपरेशन कालनेमि' न केवल एक प्रशासनिक पहल, बल्कि एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन है — जिसका उद्देश्य है कि देवभूमि उत्तराखंड में केवल सच्ची आस्था, सेवा और सनातन मूल्यों का ही वास रहे।पाखंडियों को पहचानने और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का यह संकल्प, उत्तराखंड को आध्यात्मिकता की असल ऊंचाई तक ले जाने का एक साहसिक कदम है।

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