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Operation Sindoor के बारे में जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी कौन है? जानिए सबकुछ

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 8 मई
  • 2 मिनट पठन
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7th मई 2025: भारत में बुधवार रात जब पूरा देश नींद में था, पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने घातक हवाई हमला कर इतिहास रच दिया। इस सैन्य कार्रवाई को "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया है — एक ऐसा नाम जो अब राष्ट्रीय सुरक्षा, साहस और महिला शक्ति का प्रतीक बन चुका है। इस पूरे मिशन की रणनीतिक कमान लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी के हाथों में थी।


कर्नल सोफिया कुरैशी: भारत की 'शेरनी'

सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ। वे बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और साल 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से पासआउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुईं। अपनी काबिलियत के बल पर वह आज लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंच चुकी हैं।

उन्होंने उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों में भी सराहनीय भूमिका निभाई है।


लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया की सैलरी और भत्ते

कर्नल सोफिया को मिलने वाली सैलरी और सुविधाएं उनकी जिम्मेदारी और रैंक को देखते हुए तय होती हैं:


बेसिक सैलरी: ₹1,21,200 से ₹2,12,400 प्रतिमाह


मिलिट्री सर्विस पे (MSP): ₹15,500 (Brigadier रैंक तक के अफसरों को मिलता है)


महंगाई भत्ता (DA): यह हर छह महीने में बदलता है और महंगाई के स्तर पर आधारित होता है


HRA (हाउस रेंट अलाउंस): तैनाती के स्थान पर निर्भर करता है


फील्ड एरिया अलाउंस: ₹10,500 से ₹25,000 तक, जोखिम वाले क्षेत्रों में तैनाती पर


स्पेशल फोर्स अलाउंस: यदि अफसर स्पेशल यूनिट में हैं, तो ₹25,000 तक


यूनिफॉर्म अलाउंस: सालाना ₹20,000


ट्रांसपोर्ट अलाउंस: ₹3,600 से ₹7,200, तैनाती की जगह के अनुसार


इस प्रकार, कर्नल सोफिया को न सिर्फ सम्मानजनक वेतन मिलता है, बल्कि उनके साहस और सेवा को कई स्तरों पर सराहा भी जाता है।


ऑपरेशन सिंदूर में सोफिया का नेतृत्व

इस मिशन के दौरान, लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी की रणनीतिक योजना, मिशन एक्सीक्यूशन और ऑपरेशनल कॉर्डिनेशन में महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी अगुवाई में भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हमला अगर हुआ, तो जवाब 'बहुत सख्त' होगा।


लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी आज सिर्फ सेना की नहीं, बल्कि हर उस भारतीय महिला की प्रेरणा हैं जो देश सेवा में योगदान देना चाहती है। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए उन्होंने यह साबित कर दिया कि जब बात देश की रक्षा की हो, तो भारतीय बेटियां किसी से कम नहीं।

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