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11वीं के छात्रों को फेल करना पड़ा महंगा, बाल आयोग ने स्कूल को दिए तत्काल प्रोन्नति के निर्देश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 24 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन


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उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मंगलवार को एक निजी विद्यालय में कक्षा 11 के छात्रों को बड़ी संख्या में अनुत्तीर्ण किए जाने की शिकायत पर गंभीर रुख अपनाते हुए त्वरित कार्रवाई की है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने विद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिया है कि सभी अनुत्तीर्ण छात्रों को तत्काल प्रभाव से कक्षा 12 में प्रोन्नत किया जाए।


आयोग ने इस पूरे मामले को बच्चों के शैक्षणिक और मानसिक अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा और कहा कि छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन केवल अंकों के आधार पर नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि आयोग की निगरानी में एक स्वतंत्र योग्यता परीक्षण आयोजित किया जाएगा, जिसके माध्यम से छात्रों की वास्तविक शैक्षणिक योग्यता और मानसिक स्थिति का आकलन किया जाएगा। इस परीक्षण में यदि कोई छात्र प्रोन्नति योग्य नहीं पाया जाता है, तो उस पर विचार के बाद निर्णय लिया जाएगा।


अभिभावकों ने उठाई गंभीर चिंताएं

आयोग को अभिभावकों की ओर से मिली शिकायतों में आरोप लगाया गया कि स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट के कारणों को नजरअंदाज किया। उन्हें न तो किसी प्रकार की मानसिक, भावनात्मक या स्वास्थ्य संबंधी सहायता उपलब्ध कराई गई, और न ही काउंसलिंग सेवाएं प्रदान की गईं।


इतना ही नहीं, यह भी आरोप लगाया गया कि विद्यालय के कई शिक्षक निजी ट्यूशन देने में लिप्त हैं, जिसकी जानकारी प्रबंधन को पहले से है। इस संबंध में एक शिक्षक को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। आयोग ने इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत जांच कराने के संकेत दिए हैं।


अन्य मामलों पर भी हुई सुनवाई

सुनवाई के दौरान आयोग के समक्ष एक शैक्षिक सोसाइटी से जुड़ा मामला भी आया, जिसमें संस्था द्वारा दी जा रही निःशुल्क शिक्षा को बंद करने की बात सामने आई। कारण बताया गया कि छात्र के परिवार का व्यवहार संस्था के अनुकूल नहीं रहा। आयोग ने इस मामले में भी निष्पक्ष जांच कर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उचित निर्णय लेने की बात कही है।


इसके अतिरिक्त, विकासनगर क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची के साथ कथित मारपीट के मामले में आयोग ने पुलिस विभाग से तत्काल रिपोर्ट तलब की है और मामले की गहन जांच की बात कही है।

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