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देर तक जारी रही मतगणना, रोचक मुकाबले के सामने आये चुनावी नतीजे

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 31 जुल॰
  • 3 मिनट पठन
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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के ताजा परिणाम और रुझानों का सिलसिला जारी है, जिसमें विभिन्न जिलों और विकासखण्डों के मतगणना परिणामों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट में हम आपको मतदान प्रक्रिया, मतगणना का विस्तृत विवरण, विभिन्न सीटों पर प्राप्त परिणाम और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप चुनावी जंग का समग्र दृश्य समझ सकें।


मतगणना का प्रारंभ और प्रक्रिया

बुधवार, 31 जुलाई 2025 को सुबह 8 बजे से उत्तराखंड के नौ विकासखण्डों में पंचायत चुनाव की मतगणना शुरू हो गई। इसके लिए कुल 83 टेबल लगाए गए हैं, जिन पर 93 सुपरवाइजर और 372 मतगणना सहायक तैनात किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सभी मतगणना केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि परिणाम घोषित होने के बाद विजयी उम्मीदवारों के जुलूस निकालने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही, मतगणना स्थल पर केवल पोलिंग एजेंट कार्ड धारक ही प्रवेश कर पाएंगे।


2019 के चुनाव की तुलना में इस बार मतदान का प्रतिशत लगभग समान रहा है, जिसमें 69.16% मतदान दर्ज किया गया। इसमें महिलाओं ने मतदान में विशेष भूमिका निभाई है। चुनाव के दोनों चरणों में कुल 32,580 प्रत्याशियों ने भाग लिया, जिनमें से 17,829 पहले चरण और 14,751 दूसरे चरण में मतगणना के लिए मैदान में थे। इस बार की विशेष बात यह है कि चुनाव परिणामों की घोषणा पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जाएगी, जिसमें सभी मतगणना कार्य ऑनलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे।


परिणाम की प्रमुख झलकें-


1. उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में खासी हलचल:


पौड़ी जिले: पौड़ी ब्लॉक में 15 ब्लॉकों की 38 सीटों पर परिणाम आ चुके हैं। अभी भी कुछ परिणाम आने बाकी हैं।

टिहरी जिला: जिला पंचायत सदस्य पद के परिणामों में कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को 5 सीटें मिली हैं। दो जिला पंचायत सदस्य पद निर्विरोध चुने गए हैं, जो भाजपा समर्थित हैं।


देवप्रयाग: वार्ड नंबर 37 से रजनी देवी ने 1997 मतों से जीत दर्ज की है। साथ ही, ग्राम पंचायत भैसवाड़ा में पर्ची से ममता देवी को विजेता घोषित किया गया है, क्योंकि दोनों प्रत्याशियों के मत बराबर थे।


कीर्तिनगर: क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में मंजाकोट से श्रीमती अंजलि, मंगसू से श्रीमती रुक्मिणी देवी, जखण्ड़ से श्रीमती अचला खंडेलवाल विजेता रहीं। ग्राम प्रधान पद पर भी कई उम्मीदवार विजेता घोषित किए गए हैं।

पाबौ और कुई गांव: यहाँ 22 वर्षीय साक्षी नेगी ने प्रधान पद पर जीत हासिल की है, जो अपने युवा उम्र में गांव के विकास का सपना लेकर सामने आई हैं।


2. विशेष घटनाएं

गलत विजेता की घोषणा: कर्णप्रयाग में मतगणना के दौरान विभागीय गलती के कारण राकेश मोहन राणा को विजेता घोषित किया गया, जिसे पुनर्मतगणना के बाद सही किया गया।

एक वोट से जीत: नारायणबगड़ में रजनी देवी ने राउंड-दर-राउंड मतगणना के बाद अंतिम में एक वोट से प्रधान पद जीता।

टॉस से नियुक्ति: चमोली जिले के दशौली में सबसे कम उम्र के प्रधान के रूप में 23 वर्षीय नितिन का टॉस के माध्यम से चुनाव हुआ।


निष्कर्ष

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का परिणाम पूरी तरह से लोकतंत्र की शक्ति और जनता की भागीदारी का प्रतिबिंब है। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का पूरा ख्याल रखा गया है। परिणामों का सिलसिला जारी है और जैसे-जैसे नतीजे सामने आएंगे, राजनीतिक समीकरण और भी स्पष्ट होंगे। इस चुनाव ने युवाओं के भागीदारी को भी नई ऊर्जा दी है, जो गांव-गांव में विकास और बदलाव की नई उम्मीदें जगा रहा है।

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