उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष चुनाव की तस्वीर आज होगी साफ, 125 वोटर करेंगे फैसला
- ANH News
- 30 जून
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उत्तराखंड भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनावी प्रक्रिया सोमवार को निर्णायक मोड़ पर पहुंचने जा रही है। प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का नामांकन, नाम वापसी और नामांकन पत्रों की जांच की प्रक्रिया आज पूरी कर ली जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कितने उम्मीदवार मैदान में हैं।
प्रदेश चुनाव अधिकारी खजानदास ने रविवार को मीडिया को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है और मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन भी हो चुका है। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए कुल 125 वोटर सूचीबद्ध हैं, जिनमें पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य, जिलाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
कौन कर सकता है नामांकन?
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कराने वाले उम्मीदवारों के लिए पार्टी ने कड़े मापदंड तय किए हैं। उम्मीदवार को कम से कम तीन कार्यकाल तक पार्टी में सक्रिय रहना चाहिए और पार्टी का प्राथमिक सदस्य 10 वर्षों तक होना आवश्यक है। इसके अलावा, प्रदेश निर्वाचक मंडल के कम से कम 10 सदस्य संयुक्त रूप से किसी एक उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव कर सकते हैं।
उम्मीदवारों की सूची और चर्चा
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए इस बार कई नाम चर्चा में हैं। पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, हल्द्वानी के मेयर गजराज बिष्ट और केदार जोशी ने आधिकारिक तौर पर नामांकन कराया है। वहीं मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, महामंत्री आदित्य कोठारी, विधायक विनोद चमोली, बृजभूषण गैरोला, दर्जाधारी ज्योति प्रसाद गैरोला, विधायक आशा नौटियाल, दीप्ति रावत भारद्वाज और सतीश लखेड़ा जैसे कई नाम संभावित दावेदारों में शामिल हैं।
हालांकि, आधिकारिक नामांकन प्रक्रिया के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि इनमें से कौन-कौन मैदान में हैं। अगर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एक ही उम्मीदवार का नामांकन होता है, तो उस स्थिति में चुनाव निर्विरोध घोषित कर दिया जाएगा और मतदान की आवश्यकता नहीं होगी।
मतदाता सूची और आगामी प्रक्रिया
चुनाव में 125 सदस्य मतदाता होंगे, जो पार्टी के विभिन्न पदों पर हैं। नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय परिषद के आठ पदों के लिए मतदान किया जाएगा।
उत्तराखंड भाजपा में यह चुनाव आगामी राजनीतिक दिशा और संगठन की मजबूती के लिए अहम माना जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे रणनीतिक चुनाव के तौर पर देख रहे हैं, जो अगले कार्यकाल की तैयारी का आधार बनेगा।





