पिथौरागढ़ में दुर्घटना से पसरा मातम, मैक्स जीप गहरी खाई में गिरी, 8 की मौत, 6 घायल
- ANH News
- 16 जुल॰
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुवानी क्षेत्र में सोमवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। सवारियों से भरी एक मैक्स जीप थल-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग पर चलते हुए अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी, जिससे मौके पर ही 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
रेस्क्यू में जुटी पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। खाई में फंसे घायलों को निकालकर निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।
एसपी रेखा यादव ने हादसे में 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है और बताया कि राहत व बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। मृतकों की शिनाख्त की प्रक्रिया जारी है।
मुवानी से बोकटा गांव जा रही थी जीप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मैक्स जीप मुवानी से बोकटा गांव की ओर जा रही थी। पहाड़ी मार्ग पर असंतुलन के कारण वाहन गहरी खाई में जा गिरा। घटना के बाद पूरा क्षेत्र शोकाकुल है और पीड़ित परिवारों के घरों में मातम पसरा हुआ है।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
जिला प्रशासन ने घटना के कारणों की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे की वास्तविक वजह — ओवरलोडिंग, तकनीकी खराबी या ड्राइवर की लापरवाही — का पता लगाया जा रहा है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्षेत्र में सड़क सुरक्षा के आवश्यक इंतजामों की क्या स्थिति है।
पिथौरागढ़: प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर लेकिन संवेदनशील क्षेत्र
पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्वतीय जिला है, जिसे इसके हिमालयी सौंदर्य और धार्मिक महत्व के कारण 'मिनी कश्मीर' भी कहा जाता है। यह नेपाल और तिब्बत (चीन) की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है और समुद्र तल से लगभग 1,645 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
यहां से होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा भी जाती है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही, संवेदनशील भूगोल और संकीर्ण, जोखिमभरे सड़कों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।
इस हादसे ने एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। प्रशासन की ओर से तुरंत राहत कार्य शुरू किए गए हैं और घायलों को हर संभव मदद दी जा रही है। ऐसे हादसों से बचाव के लिए अब सख्त निगरानी, सड़क सुधार, और वाहन संचालन पर नियंत्रण आवश्यक हो गया है।





