प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0: नए नियम लागू, अब जिनके माता-पिता को पहले मिला है लाभ, उनका आवेदन होगा रद्द
- ANH News
- 13 मार्च
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प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के नए संस्करण, प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 की शुरुआत के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव और नियम भी लागू किए गए हैं। इनमें एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके अनुसार अब अगर किसी परिवार के पिता ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर लिया है, तो उसके बच्चों को अगले 20 साल तक इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में नए नियम जारी कर दिए हैं, जिनका पालन किया जाएगा।
नया नियम:
पहले प्रधानमंत्री आवास योजना में यह प्रावधान था कि जिनके माता-पिता को योजना का लाभ मिल चुका है, उनके बच्चों को भी लाभ मिल सकता था। लेकिन अब, प्रधानमंत्री आवास योजना-2.0 में यह नियम बदल दिया गया है। इस बदलाव के बाद, अगर परिवार के किसी सदस्य ने पहले ही योजना के तहत घर प्राप्त किया है, तो उसके बाद के 20 वर्षों तक किसी अन्य सदस्य को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
20 साल की सीमा:
नए नियम के अनुसार, अगर माता-पिता का पहले ही इस योजना के तहत घर बन चुका है, तो उनके बच्चों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यदि माता-पिता नहीं हैं, तो उनकी संपत्ति के स्वामी उनके बेटे होंगे, लेकिन यह सीमा 20 साल तक लागू होगी। इसका मतलब है कि अगर किसी परिवार ने पिछले 20 वर्षों में इस योजना का लाभ लिया है, तो अगले 20 साल तक उस परिवार के अन्य सदस्य इसके लिए आवेदन नहीं कर सकते।
कार्रवाई का प्रावधान:
अगर किसी परिवार के सदस्य ने पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ लिया है, और फिर भी कोई सदस्य इसका लाभ लेने का प्रयास करता है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन ऑनलाइन किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने एक नई आवास प्लस (AwaasPlus App) लॉन्च की है, जिससे लोग आसानी से आवेदन कर सकते हैं। इसमें आवेदन करने के लिए आधार नंबर, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र, और पते का प्रमाण आवश्यक होगा।
उत्तराखंड की नई आवास नीति:
उत्तराखंड राज्य ने भी इस योजना के तहत एक नई आवास नीति लागू की है, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के मानकों के अनुरूप है।
इस बदलाव के बाद केवल उन परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा, जिन्होंने अब तक इसका फायदा नहीं लिया है। इस नए कदम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि योजना का लाभ उन परिवारों तक पहुंचे जो वास्तव में जरूरतमंद हैं।





