top of page

रजत जयंती पर PM मोदी का पहाड़ीपन अंदाज, गढ़वाली-कुमाऊंनी भाषा में की शुरुआत

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 3 घंटे पहले
  • 2 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड की रजत जयंती के मुख्य कार्यक्रम में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंदाज पूरी तरह से पहाड़ीपन से ओत-प्रोत नजर आया। उन्होंने गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा के कई वाक्य बोलकर जनता के साथ गहरा कनेक्शन बनाया। प्रधानमंत्री अक्सर उत्तराखंड के कार्यक्रमों में स्थानीय बोली-भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन इस बार उनके भाषण में गढ़वाली-कुमाऊंनी के शब्दों की भरपूर उपस्थिति ने सभी को विशेष रूप से रोमांचित कर दिया।


प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, “देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भै-बन्धों, दीदी–भुल्यों, दाना-सयाणों। आप सबू कैं, म्यर नमस्कार, पैलाग, सेवा सौंधी।” इस अंदाज ने जनता के बीच उत्साह और अपनापन दोनों पैदा कर दिया। भाषण के दौरान उन्होंने बार-बार गढ़वाली में बोलकर लोगों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने कहा, “पैली पहाडू कू चढ़ाई, विकास की बाट कैल रोक दी छै। अब वखि बटि नई बाट खुलण लग ली।” इस प्रकार उन्होंने पहाड़ की चुनौतियों और विकास की दिशा पर बात करते हुए स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी अपने शब्दों में शामिल किया।


प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में हरेला, फुलदेई, भिटोली, नंदादेवी, जौलजीबी, देवीधुरा मेले से लेकर दयारा बुग्याल के बटर फेस्टिवल तक का जिक्र कर पहाड़ की लोक संस्कृति और उत्सवों को उजागर किया। उनका यह प्रयास दर्शाता है कि वे केवल प्रशासनिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक स्तर पर भी उत्तराखंड के लोगों से जुड़े हुए हैं।


उत्तराखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर एफआरआई में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया और जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश को 8,260 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात भी दी। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 9 नवंबर का यह दिन लंबे संघर्ष और तपस्या का परिणाम है। आज उत्तराखंड की जनता जिस ऊंचाई पर खड़ी है, उसे देखकर हर उस व्यक्ति का मन गर्व से भर जाता है जिसने इस राज्य के निर्माण के लिए प्रयास किया।


प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने वर्षों तक जो सपना देखा, वह 25 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में साकार हुआ और आज बीते 25 वर्षों की यात्रा ने इसे और भी मजबूत बनाया। उन्होंने डबल इंजन की भाजपा सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम लगातार जारी है। साथ ही उन्होंने आंदोलन के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी और उन्हें नमन किया।


इस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी का भाषण न केवल उत्तराखंड के सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि विकास, उत्सव और लोक परंपराओं के माध्यम से जनता के साथ उनके गहरे जुड़ाव को भी प्रदर्शित करता है।

bottom of page