LUCC के निवेशकों और एजेंटों का प्रदर्शन जारी, सरकार ने CBI जांच की दी अनुमति
- ANH News
- 27 जुल॰
- 2 मिनट पठन

उत्तराखंड में एक बार फिर एक बड़ी चिटफंड ठगी का मामला सामने आया है, जिसने हजारों परिवारों की आर्थिक रीढ़ तोड़ दी है। एलयूसीसी (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी) द्वारा की गई इस ठगी को प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला माना जा रहा है, जिसमें करीब 92 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।
गांव-गांव में पहुंच बनाई, बैंकिंग की कमी का उठाया फायदा
एलयूसीसी ने अपनी रणनीति के तहत उत्तराखंड के दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों को निशाना बनाया, जहाँ बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता सीमित थी। कंपनी ने स्थानीय एजेंटों के माध्यम से लोगों को पैसा दोगुना करने और अन्य बैंकों से अधिक ब्याज देने का लालच देकर करोड़ों की धनराशि जुटाई। शुरूआती समय में कुछ निवेशकों को मुनाफा भी दिया गया ताकि लोगों का विश्वास जीता जा सके।
साल 2023 में कंपनी कार्यालय बंद, मालिक फरार
जैसे-जैसे निवेश बढ़ता गया, कंपनी की असल मंशा सामने आने लगी। वर्ष 2023 में एलयूसीसी ने अचानक सभी कार्यालय बंद कर दिए और इसके शीर्ष अधिकारी देश से फरार हो गए। बताया जा रहा है कि कंपनी के पदाधिकारी जनता के खून-पसीने की कमाई लेकर विदेश भाग चुके हैं।
सबसे ज्यादा महिलाएं हुईं शिकार, हजारों परिवार बर्बादी की कगार पर
इस ठगी में सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हुई हैं, जिन्होंने अपने जीवनभर की बचत या समूह लोन से जमा की गई रकम कंपनी में निवेश की थी। आज ये परिवार आर्थिक तंगी और मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। निवेशकों का कहना है कि सरकार को उनकी मेहनत की कमाई वापस दिलाने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।
लगातार प्रदर्शन, सीबीआई जांच के आदेश
घोटाले के खिलाफ राज्यभर में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। निवेशक और एजेंट सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं सीबीआई जांच की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इंटरपोल की मदद भी ली जाएगी ताकि विदेश भागे आरोपी पकड़े जा सकें।
13 मुकदमे उत्तराखंड में, 56 से अधिक केस देशभर में दर्ज
एलयूसीसी के खिलाफ उत्तराखंड में 13 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से सबसे अधिक टिहरी और पौड़ी जिलों में केस सामने आए हैं। अब तक 10 गिरफ्तारियां भी की जा चुकी हैं, जबकि कई अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। पूरे देश में इस घोटाले से संबंधित 56 से अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
सांसदों ने गृह मंत्री से की मुलाकात, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाल ही में उत्तराखंड के सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सीबीआई जांच की मांग की थी। वहीं, 3 जुलाई 2025 को नैनीताल हाईकोर्ट ने भी इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
जरूरत है ठोस नीति और चिटफंड पर कठोर नियंत्रण की
एलयूसीसी की तरह देशभर में बिना अनुमति और अवैध रूप से चल रही चिटफंड कंपनियां आम लोगों को लालच देकर ठग रही हैं। यह घोटाला एक बार फिर सरकार और वित्तीय नियामक संस्थाओं के लिए चेतावनी है कि आम जनता की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शी नीति व्यवस्था बनाई जाए।





