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मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व सैनिकों संग किया संवाद, जबरन धर्मांतरण व जनसंख्या असंतुलन पर जताई चिंता

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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देहरादून के गढ़ी कैंट में आयोजित 'विकसित उत्तराखंड 2047' कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व सैनिकों के साथ आयोजित सामूहिक संवाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के समग्र विकास, सामाजिक समरसता एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जबरन धर्मांतरण और डेमोग्राफिक चेंज (जनसंख्या संरचना में बदलाव) जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जनजागरूकता और कानूनी शिकायती प्रक्रिया में जनसहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में सजग है और समाज में समरसता बनाए रखने हेतु कठोर कदम उठा रही है।


सख्त दंगा विरोधी कानून व यूसीसी की दिशा में ऐतिहासिक पहल

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में सख्त दंगा विरोधी कानून लागू किया है, जो समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। इसके साथ ही भू-अतिक्रमण के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने जैसे साहसिक निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समाज के हर वर्ग से सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है।


पूर्व सैनिकों से राज्य विकास हेतु सुझाव लिए

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित पूर्व सैनिकों से संवाद करते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास में उनके अनुभवों और सुझावों को सराहा। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों का अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और सेवा-भाव समाज को प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से आग्रह किया कि वे सामाजिक जागरूकता अभियानों में भाग लें और राज्य निर्माण की प्रक्रिया में सहभागी बनें।


पर्यावरण संरक्षण में पूर्व सैनिकों की भूमिका

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के हर वन प्रभाग में 1000 पेड़ लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान में पूर्व सैनिकों की भागीदारी का आह्वान किया और उन्हें "पर्यावरण प्रहरी" बनने के लिए प्रेरित किया।


पर्यटन एवं बेरोजगारी में उल्लेखनीय प्रगति

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि हाल के दो महीनों में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या 38 लाख से अधिक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से राज्य में शीतकालीन पर्यटन और आदि कैलाश यात्रा को नई गति मिली है। मानसरोवर यात्रा का समय भी अब 7 दिन कम हो गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में बेरोजगारी दर 4.2% से भी कम हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।


पूर्व सैनिकों की सेवा और बलिदान को नमन

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल तक, हमारे सैनिकों ने हर मोर्चे पर तिरंगे की शान को बढ़ाया है।


मुख्यमंत्री ने यह भी साझा किया कि वे स्वयं एक सैनिक परिवार से आते हैं, इसलिए वे पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों की समस्याओं को भलीभांति समझते हैं और उनके समाधान हेतु कटिबद्ध हैं।


विशिष्ट जनों की उपस्थिति

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) एके सिंह, मेजर (सेनि) केएस राणा, कर्नल बीरेंद्र सिंह राणा, ब्रिगेडियर नितेश बिष्ट सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।

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