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उत्तराखंड में बारिश का तांडव: देहरादून-हरिद्वार में टूटा 74 साल का रिकॉर्ड, रेड अलर्ट जारी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 13 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड इन दिनों भीषण वर्षा और उसके कारण हो रही प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है। पर्वतीय और मैदानी इलाकों में हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। भूस्खलन, जलभराव और यात्रा मार्गों के अवरुद्ध होने से राज्य में आमजन और पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


74 साल बाद टूटा बारिश का रिकॉर्ड

देहरादून में बीते 24 घंटों में लगभग 200 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो 1951 के बाद अगस्त महीने में एक दिन में हुई सर्वाधिक वर्षा है। वहीं हरिद्वार में हुई 242 मिमी वर्षा ने भी 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर जलभराव हो गया है और सड़कों पर आवागमन ठप पड़ गया है।


रेड अलर्ट जारी, तीन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले तीन दिन तक मौसम के तेवर बेहद खतरनाक बने रह सकते हैं।


हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में मंगलवार को रेड अलर्ट घोषित किया गया है।


इसके अलावा देहरादून, पौड़ी, चंपावत, बागेश्वर और टिहरी जैसे जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने जानकारी दी कि इन जिलों में अत्यंत भारी वर्षा की संभावना है, जिससे नदियों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।


केदारनाथ यात्रा 14 अगस्त तक स्थगित

राज्य में बिगड़ते मौसम और लगातार हो रहे भूस्खलन को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को 14 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है।


गौरीकुंड हाईवे पर जगह-जगह मलबा और पत्थर गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं।


बदरीनाथ हाईवे भी चमोली जिले में दो स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है, जिससे लगभग 1000 से अधिक यात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं।


यमुनोत्री धाम की यात्रा भी उत्तरकाशी में पैदल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण रोक दी गई है।


फूलों की घाटी और ट्रेकिंग पर भी रोक

चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध फूलों की घाटी को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। खराब मौसम और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी ट्रेकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।


तापमान में गिरावट, जनजीवन अस्त-व्यस्त

लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। कई जगहों पर नाले उफान पर हैं, जिससे दुर्घटनाएं भी सामने आई हैं।

अल्मोड़ा के भैंसकुरी नाले में एक बाइक सवार युवक के बहने से मौत हो गई, जो इस आपदा की गंभीरता को दर्शाता है।


जरूरी चेतावनी और सलाह:

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने से फिलहाल बचें।


प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट और निर्देशों का पालन करें।


नदी किनारे, पुलों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाएं।


उत्तराखंड में मॉनसून ने इस बार कहर बरपाया है। पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने न केवल पुराने रिकॉर्ड तोड़े हैं, बल्कि लोगों की दिनचर्या, धार्मिक यात्राओं और पर्यटकों की योजनाओं को भी पूरी तरह से प्रभावित किया है। प्रशासन और राहत दल मुस्तैदी से काम कर रहे हैं, लेकिन इस समय सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है।

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