RCB की ट्रॉफी आई, पर कई घरों में बुझा चिराग, बेंगलुरु में भगदड़ से त्रासदी, 33 घायल, 11 की मौत
- ANH News
- 5 जून
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बेंगलुरु। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न उस समय मातम में बदल गया, जब बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उमड़ी बेकाबू भीड़ में भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हो गए।
जहां एक ओर शहर जीत के उल्लास में डूबा हुआ था, वहीं दूसरी ओर कुछ परिवारों के लिए यह दिन जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी बन गया।

मुख्यमंत्री ने की पुष्टि, सरकार देगी मुआवज़ा और मुफ्त इलाज
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वयं इस घटना की पुष्टि की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा:
"चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर विजय समारोह के दौरान हुई भगदड़ में 11 नागरिकों की दुखद मृत्यु हुई है। 33 लोग घायल हैं। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवज़ा देगी और घायलों का पूरी तरह से निशुल्क इलाज सुनिश्चित करेगी।"
मुख्यमंत्री ने आयोजन की व्यवस्था की समीक्षा के भी संकेत दिए और कहा कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंध किए जाएंगे।
RCB ने जताया गहरा दुख, बदले कार्यक्रम
RCB ने इस अप्रत्याशित हादसे पर गहरा शोक जताया और एक आधिकारिक बयान जारी किया। टीम ने कहा:
-"हम मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद व्यथित हैं। यह जानकर बहुत दुख हुआ कि हमारे आगमन और जीत के जश्न के दौरान भीड़ की भारी मौजूदगी ने यह दर्दनाक मोड़ ले लिया।"

-RCB ने यह भी कहा कि जैसे ही उन्हें स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ, उन्होंने तुरंत अपने जश्न के कार्यक्रम में बदलाव किया और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया।

टीम ने सभी प्रशंसकों से सुरक्षित रहने की अपील करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की।
33 घायलों का चल रहा इलाज, कई की हालत गंभीर
मेडिकल सूत्रों के अनुसार, घायलों में कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। सभी को बेंगलुरु के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मेडिकल टीमें 24 घंटे निगरानी में हैं। प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवारों की हरसंभव सहायता की जा रही है।

जिम्मेदार कौन? अब उठ रहे सवाल
इस हादसे के बाद प्रशासनिक लापरवाही और भीड़ प्रबंधन की कमजोरियों पर सवाल उठने लगे हैं।
-क्या आयोजन से पहले crowd control की पुख्ता व्यवस्था की गई थी?
-क्या सोशल मीडिया पर प्रचारित इस कार्यक्रम को सीमित रखा जा सकता था?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में जांच के बाद सामने आएंगे।
जीत की गूंज में दबी चीखें: एक दोहरा सच
RCB की जीत जितनी ऐतिहासिक थी, उतनी ही यह घटना भी याद रखी जाएगी—जश्न और जनसंहार के साथ एक ही दिन की दो विपरीत तस्वीरें।
एक तरफ चिन्नास्वामी स्टेडियम में आतिशबाज़ी हो रही थी, तो दूसरी तरफ उसी स्टेडियम के बाहर कुछ परिवार अपने प्रियजनों को खो रहे थे।





