ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे ट्रैक के निर्माण के लिए सर्वे शुरू, लक्ष्य 2027 तक पूरा करने का
- ANH News
- 27 मार्च
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ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन निर्माण के तहत ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह परियोजना 125 किलोमीटर लंबी होगी, जिसकी कुल लागत लगभग 750 करोड़ रुपये आएगी। भारतीय रेलवे के उपक्रम, इरकॉन इंटरनेशनल ने 2027 तक इस ट्रैक के बिछाने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस परियोजना के तहत सुरंगों की खोदाई का काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इसमें कुल 16 सुरंगें शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 213 किमी है। अब तक 193 किमी खोदी जा चुकी हैं, जबकि 125 किमी लंबी मुख्य सुरंगों में से 93 किमी का कार्य पूरा हो चुका है। सुरंगों के काम में अब तक 35 ब्रेक थ्रू हो चुके हैं, और कुल 46 ब्रेक थ्रू होने हैं। इस साल 2026 के अंत तक सुरंगों की खोदाई का काम पूरी तरह से खत्म होने का लक्ष्य है।
प्रमुख सुरंगों का पक्का करने का कार्य भी शुरू हो चुका है। अब तक करीब 83 किमी सुरंगों में फाइनल लाइनिंग का काम पूरा कर लिया गया है, जिसके बाद इन स्थानों पर ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। इस रेलवे लाइन का लगभग 105 मीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा, इसलिए सुरंगों में बेलासलेस (बिना गिट्टी वाला ट्रैक) बिछाया जाएगा। ट्रैक बिछाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पिछले साल जुलाई में पूरी हो चुकी थी, और इस कार्य को इरकॉन इंटरनेशनल द्वारा 750 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
परियोजना में कुल 19 पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से आठ पुल अब तक बनकर तैयार हो चुके हैं। इनमें चंद्रभागा, शिवपुरी, गूलर, ब्यासी, कोड़ियाला, पौड़ी नाला, लक्ष्मोली और श्रीनगर पुल शामिल हैं। बाकी 11 पुलों का निर्माण 60 फीसदी पूरा हो चुका है, और 2026 के अंत तक इन पुलों का निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा।
इस रेलवे परियोजना में कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं। वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन 2020 में बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि शिवपुरी और ब्यासी रेलवे स्टेशनों के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन दोनों स्टेशनों का निर्माण 61 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। शेष नौ स्टेशनों के निर्माण के लिए तीन अलग-अलग निविदाएं जारी की जाएंगी – एक निविदा देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर स्टेशन के लिए, दूसरी निविदा धारीदेवी, घोलतीर, तिलड़ी और गौचर स्टेशन के लिए, और तीसरी निविदा कर्णप्रयाग स्टेशन के लिए होगी। कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन इस परियोजना का सबसे बड़ा स्टेशन होगा।
सभी स्टेशनों के निर्माण की कुल लागत लगभग 550 करोड़ रुपये है। ट्रैक बिछाने के लिए सर्वे की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, और स्लीपर भी पहुंच चुके हैं। परियोजना की 16 सुरंगों में कुल 46 ब्रेक थ्रू होने हैं, जिनमें से 35 ब्रेक थ्रू पहले ही हो चुके हैं। इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र के परिवहन नेटवर्क को मजबूत करना और यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाना है।




