डीएम पद संभालते ही पैदल केदारनाथ पहुंचे प्रतीक जैन, बने रुद्रप्रयाग के सबसे युवा जिलाधिकारी
- ANH News
- 20 घंटे पहले
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रुद्रप्रयाग: दो साल की सेवा के बाद सौरभ गहरवार सिडकुल के एमडी और पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद संभालने गए, वहीं नए जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने रुद्रप्रयाग जिले का कार्यभार संभाल लिया है। 32 वर्ष के प्रतीक जैन रुद्रप्रयाग के अब तक के सबसे युवा जिलाधिकारी हैं। अपने पदभार ग्रहण के साथ ही उन्होंने जिले के विकास और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।
डीएम बनने के बाद पहला कदम: पैदल केदारनाथ यात्रा का निरीक्षण
2018 बैच के आईएएस अधिकारी प्रतीक जैन ने डीएम पद संभालते ही केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पैदल केदारनाथ धाम का 24 किलोमीटर लंबा मार्ग तय किया। उन्होंने रास्ते में तीर्थयात्रियों से सीधा संवाद किया, उनकी समस्याएं सुनी और जहां भी व्यवस्थाओं में कमी पाई, तुरंत सुधार के निर्देश जारी किए। केदारनाथ पहुंचकर उन्होंने बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद लिया और तीर्थ पुरोहितों के साथ भी व्यवस्थाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की।

केदारनाथ नेशनल हाईवे से लेकर चिकित्सा और सुरक्षा तक का निरीक्षण
प्रतीक जैन ने केदारनाथ नेशनल हाईवे का निरीक्षण करते हुए भूस्खलन वाली संवेदनशील जगहों पर आवश्यक मशीनरी हमेशा उपलब्ध रखने के निर्देश एनएच विभाग को दिए। उन्होंने अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों की सुविधाएं भी परखी तथा एसडीआरएफ कार्यालय का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इसके साथ ही केदारनाथ तीर्थयात्रियों के लिए बनाए गए विश्राम स्थलों का भी दौरा किया और वहां की सुविधाओं को बेहतर बनाने के सुझाव दिए।

प्रतीक जैन: रुद्रप्रयाग के सबसे युवा और कुशल आईएएस अधिकारी
राजस्थान के अजमेर में 25 जुलाई 1993 को जन्मे प्रतीक जैन 2018 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने जेएनयू से पब्लिक मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। प्रतीक जैन इससे पहले हरिद्वार जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी (सीडीओ) भी रह चुके हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और युवा नेतृत्व के कारण उन्हें रुद्रप्रयाग जिले का सबसे युवा जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है।
रुद्रप्रयाग: धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला
रुद्रप्रयाग जिला धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर के साथ-साथ तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मदमहेश्वर, त्रियुगीनारायण, कल्पेश्वर, अगस्त्यमुनि और ओंकारेश्वर जैसे अनेक पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं। साल भर यहां लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। खासकर केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए लगभग छह महीने तक श्रद्धालुओं और वीवीआईपी का आना-जाना लगा रहता है।

प्रधानमंत्री का विशेष ध्यान और लगातार समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं रुद्रप्रयाग जिले में चल रही विकास योजनाओं पर गहन नजर रखते हैं। केदारनाथ मंदिर परिसर के पुनर्निर्माण कार्यों की पीएमओ द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जाती है और प्रधानमंत्री समय-समय पर समीक्षा बैठकें भी लेते हैं। यह जिला न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रतीक जैन ने रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करते ही अपनी सक्रियता और समर्पण दिखाया है। उनके युवा नेतृत्व में जिले की धार्मिक पर्यटन व्यवस्थाओं में सुधार और तीर्थयात्रियों के बेहतर अनुभव के लिए सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। उनके प्रयासों से रुद्रप्रयाग न केवल आध्यात्मिक बल्कि प्रशासनिक दृष्टि से भी एक मिसाल बन सकता है।