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बदरीनाथ हेलीपैड पर हुई दुर्घटना के बाद सख्ताई, अब एक बार में केवल एक हेलीकॉप्टर को मिलेगी लैंडिंग की अनुमति

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 मई
  • 2 मिनट पठन
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बदरीनाथ धाम स्थित हेलीपैड पर सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब थंबी एविएशन का एक चार्टर हेलीकॉप्टर उड़ान भरते समय पार्किंग में खड़े वाहन से टकरा गया। हेलीकॉप्टर में चार तीर्थयात्री सवार थे, जो सुरक्षित बच गए। हालांकि, इस घटना ने हेलीपैड की व्यवस्थाओं और सुरक्षा मानकों की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।


प्रशिक्षणहीन स्टाफ और अव्यवस्थित संचालन बने हादसे की वजह

सूत्रों की मानें तो हेलीपैड पर तैनात अधिकतर कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं हैं और व्यवस्थाएं अव्यवस्थित तरीके से चलाई जा रही थीं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चमोली जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यू-काडा) को जांच के निर्देश दिए हैं।


अब एक बार में एक हेलीकॉप्टर को मिलेगी लैंडिंग की अनुमति

घटना के बाद यूकाडा ने हेलीपैड की कार्यप्रणाली में तत्काल बदलाव किए हैं। अब हेलीपैड पर एक समय में केवल एक ही हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति होगी और वह अधिकतम 15 मिनट तक ही वहां रुकेगा। इससे पहले एक साथ तीन हेलीकॉप्टर उतरते और खड़े रहते थे।


डीजीसीए की जांच टीम ने किया स्थल निरीक्षण

मंगलवार शाम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर विशाल चौधरी तकनीकी टीम के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचे और घटना स्थल के साथ-साथ हेलीकॉप्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों से भी बातचीत कर घटना की विस्तृत जानकारी जुटाई।


थंबी एविएशन की सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित

घटना को गंभीरता से लेते हुए DGCA ने थंबी एविएशन की सभी हेली सेवाओं पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। मंगलवार को पूरे प्रदेश में कंपनी की कोई सेवा संचालित नहीं हुई। विशेष बात यह रही कि हादसा ग्रस्त हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शिवाज की यह बदरीनाथ रूट पर पहली उड़ान थी। यह क्षेत्र तेज हवाओं और संवेदनशील भौगोलिक स्थितियों के कारण पायलटों के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता है।


2017 में भी हो चुका है हेलीपैड पर हादसा

यह कोई पहली घटना नहीं है। 10 जून 2017 को इसी हेलीपैड पर क्रेस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर उड़ान भरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में चीफ इंजीनियर विक्रम लांबा की मौत हो गई थी और दो पायलट घायल हुए थे। हेलीकॉप्टर में सवार गुजरात के तीर्थयात्रियों को भी हल्की चोटें आई थीं। जांच में पता चला कि अपर्याप्त वायुदाब के चलते हेलीकॉप्टर असंतुलित हो गया था।


केदारनाथ मार्ग पर भी इमरजेंसी लैंडिंग

मंगलवार को एक और घटना में, बदरीनाथ से केदारनाथ जा रहे हिमालयन हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण ऊखीमठ में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। हेलीकॉप्टर में छह तीर्थयात्री सवार थे। पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर हेलीकॉप्टर उतार दिया। करीब एक घंटे बाद मौसम अनुकूल होने पर उड़ान फिर से शुरू की गई।


यू-काडा का सख्त रुख

"बदरीनाथ हेलीपैड पर अब एक बार में केवल एक हेलीकॉप्टर उतरेगा और वह अधिकतम 15 मिनट तक ही रुकेगा। सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।"

— सोनिका, सीईओ, यूकाडा

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