आपदा की चपेट में सैंजी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बांधी उम्मीदों की डोर, सुनी पीड़ितों की व्यथा
- ANH News
- 8 अग॰
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद पौड़ी गढ़वाल के सैंजी क्षेत्र में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा पीड़ित परिवारों से भेंट कर उनका हालचाल जाना, साथ ही उन्हें हरसंभव मदद और सहयोग का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, "राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। राहत एवं पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।"
सड़क मार्ग से पहुंचे सैंजी, हवाई सर्वेक्षण भी किया
मुख्यमंत्री ने थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इसके पश्चात वे स्वयं क्षतिग्रस्त सड़कों और दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए सैंजी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों के घर जाकर क्षति का जायजा लिया।
स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राहत कार्यों में तेजी आई है, और सरकारी प्रयासों से उन्हें सहारा मिला है। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
राहत राशि के चेक वितरित, समस्याएं भी सुनीं
मुख्यमंत्री ने नौठा गांव में बुराँसी के पाँच आपदा प्रभावितों को राहत राशि के चेक प्रदान किए। उन्होंने अन्य ग्रामीणों से भी भेंट की और उनकी समस्याएं गंभीरता से सुनीं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि
"राहत व पुनर्वास कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया जाए। प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए और किसी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए।"
राहत केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं हों सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों और अस्थायी केंद्रों पर बिजली, पानी, राशन, दवाइयां, शौचालय व अन्य मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने भू-संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट से भूगर्भीय सर्वेक्षण तत्काल कराने के निर्देश भी दिए।
स्वास्थ्य सेवाएं और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती का आदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की व्यवस्था की जाए, ताकि बीमार, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय पर उपचार मिल सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि प्राथमिक उपचार किट, आवश्यक दवाइयां और चिकित्सकीय स्टाफ हर समय उपलब्ध रहें।
पुनर्वास समिति के गठन का सुझाव, प्रशासन ने दी राहत कार्यों की जानकारी
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि
"पुनर्वास के लिए एक समर्पित समिति का गठन किया जाए और जिन परिवारों के मकान या दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।"
इस दौरान जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर ली गई है तथा राहत सामग्री और धनराशि का वितरण प्रारंभ हो चुका है। प्रशासन की टीमें लगातार गांव-गांव जाकर प्रत्येक पीड़ित तक सहायता पहुंचाने का कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दौरे से यह स्पष्ट संदेश गया है कि सरकार आपदा पीड़ितों को उनके हाल पर नहीं छोड़ रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर पहुंचकर राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता दे रही है। अब देखना यह होगा कि ये घोषणाएं भविष्य में किस हद तक प्रभावी कार्यान्वयन में बदलती हैं।





