मोहम्मद शमी को झटका, पत्नी और बेटी के लिए देना होगा ₹4 लाख मासिक खर्चा
- ANH News
- 2 जुल॰
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अपडेट करने की तारीख: 3 जुल॰

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी हसीन जहां और बेटी के लिए हर महीने ₹4 लाख का गुजारा भत्ता देना होगा। यह आदेश कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ न्यायमूर्ति अजय कुमार मुखर्जी ने मंगलवार को सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शमी की आय और वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह राशि वाजिब और न्यायसंगत है।
अदालत ने क्यों दिया यह आदेश?
न्यायमूर्ति मुखर्जी ने कहा कि मामले के तथ्यों, दस्तावेजों और आय प्रमाणपत्रों से यह स्पष्ट है कि मोहम्मद शमी इतनी रकम का भुगतान करने में सक्षम हैं। आदेश में यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता हसीन जहां अपनी बेटी के साथ अलग रह रही हैं, और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।

आदेश के मुख्य बिंदु:
हसीन जहां को हर महीने ₹1,50,000
बेटी को हर महीने ₹2,50,000
अतिरिक्त खर्चों के लिए शमी को स्वेच्छा से मदद की छूट
शमी-हसीन की लव स्टोरी से कानूनी लड़ाई तक
मोहम्मद शमी और हसीन जहां की मुलाकात साल 2012 में एक आईपीएल मैच के दौरान हुई थी। उस वक्त हसीन कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए चीयरलीडर थीं। पहली मुलाकात में ही शमी हसीन पर मोहित हो गए और जल्द ही दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा। लंबे समय तक डेटिंग के बाद, 6 जून 2014 को दोनों ने निकाह कर लिया। यह शादी मुरादाबाद-दिल्ली रोड स्थित एक फाइव स्टार होटल में संपन्न हुई, जिसमें परिवार के कुछ करीबी लोग ही शामिल हुए थे।

हसीन जहां मॉडलिंग में करियर बनाना चाहती थीं और कुछ समय तक उन्होंने आईपीएल में चीयरलीडिंग और मॉडलिंग भी की। शादी के बाद उन्होंने अपने करियर को छोड़कर पारिवारिक जीवन को प्राथमिकता दी। दोनों की एक बेटी भी है, जिसका जन्म 17 जुलाई 2015 को हुआ।
2018 में रिश्तों में आया भूचाल
शादी के चार साल बाद, मार्च 2018 में, हसीन जहां ने शमी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने जादवपुर पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और मानसिक यातना के तहत एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने यह भी दावा किया कि शमी ने बेटी की देखभाल और घरेलू खर्चों की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।
इसके अलावा, उन्होंने मैच फिक्सिंग के भी आरोप लगाए थे, जिससे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई थी।
शमी ने भी हसीन पर लगाए आरोप
शमी ने हसीन जहां पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी पहली शादी की जानकारी छिपाई थी। शमी के अनुसार, हसीन के पहले पति का नाम सैफुद्दीन है, जो पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। इस शादी से हसीन को दो बेटियां थीं। सैफुद्दीन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हसीन से उनकी शादी 2002 में हुई थी और 2010 में तलाक हो गया था। उन्होंने यह भी कहा कि हसीन हमेशा आत्मनिर्भर बनना चाहती थीं लेकिन पारिवारिक रोक-टोक के चलते उन्होंने घर छोड़ दिया।

गुजारा भत्ता विवाद का कानूनी सफर
हसीन जहां ने जिला सत्र न्यायालय में याचिका दायर कर अपने लिए ₹7 लाख और बेटी के लिए ₹3 लाख मासिक भत्ता मांगा था। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने यह याचिका आंशिक रूप से खारिज करते हुए केवल बेटी के लिए ₹80,000 भत्ता तय किया था। इसके खिलाफ हसीन जहां ने उच्च न्यायालय में अपील की, जिसके बाद यह संशोधित आदेश आया।
न्यायालय का अंतिम फैसला (फिलहाल के लिए)
अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मामले का अंतिम निपटारा होने तक शमी को कुल ₹4 लाख प्रति माह (पत्नी और बेटी के लिए क्रमशः ₹1.5 लाख और ₹2.5 लाख) देना होगा।
प्यार से विवाद तक
शमी और हसीन की कहानी कभी एक आदर्श प्रेम कहानी मानी जाती थी। लेकिन आज ये कहानी एक कानूनी लड़ाई में बदल चुकी है, जिसमें एक ओर व्यक्तिगत संबंधों की टूटन है तो दूसरी ओर जिम्मेदारियों को लेकर कानूनी तकरार। अदालत का यह आदेश आने वाले समय में दोनों के रिश्तों की दिशा और कानून के तहत उनके अधिकारों को नई परिभाषा देगा।





