विशेषज्ञ डॉक्टरों को सेवा विस्तार चाहिए तो रिटायरमेंट से 6 महीने पहले करें आवेदन: उत्तराखंड सरकार
- ANH News
- 13 मई
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उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवाविस्तार (Service Extension) को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब किसी भी विशेषज्ञ डॉक्टर को सेवाविस्तार का लाभ तभी मिलेगा, जब वह रिटायरमेंट से कम से कम छह महीने पहले इसका आवेदन करेगा। रिटायर होने के बाद किए गए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
सेवा विस्तार की प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस नए नियम का उद्देश्य सेवा विस्तार प्रक्रिया में पारदर्शिता, योजना और समयबद्धता लाना है। इससे विभाग को पहले से यह स्पष्ट रहेगा कि किस विशेषज्ञ डॉक्टर की सेवा को आगे जारी रखना है और कहां नई नियुक्तियों की आवश्यकता होगी।
रिटायरमेंट के बाद आवेदन पर नहीं मिलेगा लाभ
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सेवानिवृत्त होने के बाद कोई भी डॉक्टर यदि सेवा विस्तार के लिए आवेदन करता है, तो उसे इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। यानी सेवा विस्तार की प्रक्रिया रिटायरमेंट से पहले ही शुरू होनी चाहिए, जिससे कोई प्रशासनिक बाधा या देरी न हो।
राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी, सेवा विस्तार से मिलेगी राहत
वर्तमान में उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। कई जिलों में तो हालात यह हैं कि एक-एक विशेषज्ञ को तीन-तीन अस्पतालों में सेवाएं देनी पड़ रही हैं। ऐसे में अनुभवी और कुशल डॉक्टरों का सेवा में बना रहना स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक बड़ा संबल बन सकता है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवा विस्तार से न केवल अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञों की निरंतर उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
यह फैसला राज्य सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए दीर्घकालिक समाधान खोज रही है। अब विशेषज्ञ डॉक्टरों को यदि सेवा विस्तार चाहिए तो उन्हें समय रहते आवेदन करना होगा, ताकि प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं बाधित न हों और जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहें।





