Dehradun: पहला सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खुलेगा, 57 लाख का बजट स्वीकृत
- ANH News
- 27 जुल॰
- 2 मिनट पठन

देहरादून के गली-मोहल्लों में निजी नशा मुक्ति केंद्रों की भरमार हो चुकी है, जिनके नियम पालन और सुरक्षा मानकों को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। यहां तक कि कुछ केंद्रों में हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध भी सामने आ चुके हैं। लंबे समय से इस समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा प्रभावी सरकारी नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अब जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने इस जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के पहले सरकारी नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र के स्थापना की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं। इसके लिए रायवाला में एक 30 बेड का सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी ने इस केंद्र के लिए 57.04 लाख रुपए का बजट तत्काल स्वीकृत कर दिया है।
नशा मुक्ति केंद्र की व्यवस्थाएं और संचालन
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को जारी प्रेस बयान में बताया कि नशा मुक्ति केंद्र रायवाला स्थित राजकीय वृद्धाश्रम के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा। यहां 13 कमरे, बाथरूम, एक हॉल और दो कार्यालय कक्ष उपलब्ध हैं, जिनमें 30 बेड की सुविधा के साथ केंद्र संचालित किया जाएगा। केंद्र के संचालन के लिए जिला प्रशासन अनुभवी एनजीओ के चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी करेगा।
संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर जिलाधिकारी ने केंद्र के सुचारू संचालन के निर्देश भी दिए। इसमें मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम.के. शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, निदेशक सोशल वेलफेयर जगमोहन सिंह कफोला तथा आरडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता विनीत कुरील शामिल थे।
नशा मुक्ति के लिए व्यवस्थित उपचार जरूरी: जिलाधिकारी का संदेश
सविन बंसल ने कहा कि नशा आज समाज में एक गंभीर चुनौती बन चुका है। लत छुड़ाने के लिए संगठित और वैज्ञानिक उपचार की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए खनन न्यास निधि से केंद्र के लिए 57.04 लाख रुपये की वित्तीय सहायता तत्काल स्वीकृत की गई है। भारत सरकार की निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप इस केंद्र का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
केंद्र के लिए आवंटित बजट और व्यवस्थाएं
कर्मचारियों के वेतन: 22 पदों के लिए छह माह का मानदेय 22.56 लाख रुपए निर्धारित है।
सामान्य खर्च: भवन अनुरक्षण, दवाइयां, विद्युत-पानी बिल, वाहन, स्टेशनरी, भोजन आदि के लिए 9.48 लाख रुपए का प्रावधान।
साज-सज्जा एवं उपकरण: गद्दे, फर्नीचर, वर्तन, अलमारी, कम्प्यूटर, बायोमेट्रिक मशीन जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए 25 लाख रुपए।
केंद्र में रजिस्ट्रेशन काउंटर, ओपीडी, आइसोलेटेड रूम, स्टॉफ रूम, स्टोर रूम और वेटिंग एरिया जैसी उचित व्यवस्थाएं भी की जाएंगी, जिससे नशा मुक्ति के इलाज में आने वाले रोगियों को बेहतर सुविधा मिल सके।
प्रदेश में नशा मुक्ति की लड़ाई को नई दिशा देने वाला यह सरकारी केंद्र, देहरादून जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगा। निजी केंद्रों में हो रही मनमानी और असुरक्षा को देखते हुए सरकार का यह कदम नशा मुक्ति के लिए एक प्रभावी और विश्वसनीय विकल्प प्रदान करेगा। जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रिय भूमिका और जिला प्रशासन की तत्परता से उम्मीद की जा रही है कि यह केंद्र नशा समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की किरण साबित होगा।





