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उत्तराखंड में दवाओं की गुणवत्ता की होगी सघन जांच, फार्मा कंपनियों और विक्रेताओं पर कसेगा शिकंजा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 27 जून
  • 2 मिनट पठन

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Uttarakhand: राज्य में आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग द्वारा दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए एक व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में फार्मा कंपनियों, दवा विक्रेताओं, गोदामों और निर्माण इकाइयों पर सघन जांच की जाएगी।


स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश के दिशा-निर्देशों पर, अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने सभी वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें।


अभियान के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठानों से औषधियों के नमूने एकत्र किए जाएंगे, जिन्हें राजकीय विश्लेषक प्रयोगशाला भेजा जाएगा। यदि जांच में कोई दवा गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरती है, तो दवा निर्माता कंपनियों और विक्रेताओं के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जन स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


अन्य राज्यों में हो रहा उत्तराखंड की फार्मा कंपनियों के नाम का दुरुपयोग

अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि हाल के निरीक्षणों में यह तथ्य भी सामने आया है कि कुछ असामाजिक तत्व अन्य राज्यों में उत्तराखंड की प्रतिष्ठित फार्मा कंपनियों के नाम का अवैध रूप से उपयोग कर नकली दवाओं का निर्माण कर रहे हैं। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार के महा औषधि नियंत्रक के निर्देशन में तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के औषधि नियंत्रण अधिकारियों के साथ मिलकर संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में राज्य औषधि नियंत्रण विभाग की भी सक्रिय भूमिका है, जो लगातार इन गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।


तीन वर्षों में 53 मामले दर्ज, 89 गिरफ्तारियां

विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 से 2025 के बीच नकली और अमानक दवाओं के मामलों में 53 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और अब तक 89 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें कई अंतरराज्यीय गिरोहों के सदस्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 33 फार्मा कंपनियों को उत्पादन बंद करने के नोटिस जारी किए गए हैं।


एनडीपीएस एक्ट और नकली दवाओं से संबंधित मामलों में अब तक 65 से अधिक संदिग्धों की पहचान कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है।


एफडीए की यह सख्त कार्यवाही आम जनता को गुणवत्ता युक्त और सुरक्षित औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग का उद्देश्य है कि दवा उद्योग में पारदर्शिता, ईमानदारी और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित हो, ताकि जनस्वास्थ्य से कोई भी समझौता न किया जा सके।

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