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भारतीय सेना का हाईटेक 'शेरू' को देख कांपे दुश्मन, तस्वीरों में देखिए रफ्तार और दम

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 मई
  • 2 मिनट पठन
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भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के संयुक्त तत्वावधान में सूर्या ड्रोन टेक-2025 का भव्य आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस अत्याधुनिक टेक प्रदर्शनी का उद्घाटन उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में किया।


कार्यक्रम के पहले ही दिन भारत की रक्षा क्षमताओं में हो रहे तकनीकी नवाचारों का सशक्त प्रदर्शन देखने को मिला। इसमें रक्षा उपकरणों के स्वदेशी निर्माण, आधुनिक रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक और स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।


‘शेरू’ — सेना का नया रोबोटिक साथी

इस टेक शो की खास झलक रही भारतीय सेना के साथ तैनात किया गया ‘शेरू’, जो एक हाईटेक रोबोटिक म्यूल (Robot Mule) है। यह उन्नत मशीन न केवल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है, बल्कि यह दिन-रात, हर मौसम में सेना के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है।


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-शेरू चल सकता है, दौड़ सकता है, मुड़ सकता है और कूद भी सकता है।

-इसमें 6 हाई-डेफिनिशन कैमरे और सेंसर लगे हैं, जो रियल-टाइम निगरानी में मदद करते हैं।

-यह 10 किलोग्राम तक का सैन्य भार उठाकर दुर्गम क्षेत्रों में मदद करता है।

-एक बार चार्ज होने पर यह लगातार 3 घंटे तक ऑपरेट किया जा सकता है।

-इसकी कार्यक्षमता देखकर दुश्मनों के पसीने छूटना लाज़मी है।


सेना के जवान गौरव नेगी, जो शेरू को ऑपरेट कर रहे थे, ने बताया कि यह म्यूल ऐसे इलाकों के लिए बेहद कारगर है जहां इंसानी पहुंच कठिन हो, जैसे बर्फीले पहाड़ या अत्यधिक तापमान वाले क्षेत्र।


भारतीय सेना द्वारा बनाए गए स्वदेशी ड्रोन भी हुए प्रदर्शित

इस प्रदर्शनी में भारतीय सेना द्वारा ही विकसित और तैयार किए गए कई ड्रोन भी पेश किए गए। इनमें से कुछ प्रमुख थे:


एफपीवी ब्लैक कैट ड्रोन:

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-अधिकतम गति: 80 किमी/घंटा

-उड़ान सीमा: 20 किमी


इस्तेमाल: तेज गति से मिशन पर जाना और निगरानी




बहादुर ड्रोन:

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-उड़ान सीमा: 5 किमी

-लाइव वीडियो फीड देने में सक्षम

-इसका कोई पुर्जा टूटने पर सेना के जवान उसे मौके पर ही कुछ घंटों में रिपेयर कर सकते हैं।


इन ड्रोन की खासियत यह है कि इन्हें युद्ध क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार आसानी से री-असेम्बल किया जा सकता है, जिससे सेना की ऑपरेशनल क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।


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ड्रोन मैन ऑफ इंडिया का संदेश

प्रसिद्ध टेक्नोलॉजिस्ट मिलिंद राज, जिन्हें "ड्रोन मैन ऑफ इंडिया" कहा जाता है, ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि ड्रोन तकनीक आने वाले समय में सुरक्षा, सर्च एंड रेस्क्यू और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।


उन्होंने उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे ड्रोन के ज़रिए 41 मजदूरों की स्थिति पर नजर रखी गई और समय रहते बड़ी जानें बचाईं गईं। मिलिंद राज ने उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में ड्रोन आधारित निगरानी को और मजबूत करने की बात कही।

सूर्या ड्रोन टेक-2025 न केवल भारत की सैन्य ताकत में तकनीकी उन्नति का परिचायक है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हो रहे वास्तविक प्रगति का भी प्रतीक है। स्वदेशी तकनीकों, स्मार्ट रोबोट्स और मल्टी-फंक्शनल ड्रोन जैसे नवाचार भारतीय सेना को भविष्य की युद्ध रणनीतियों के लिए और भी अधिक सक्षम बना रहे हैं।

 
 
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