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राजाजी टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी, ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन अलर्ट

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 जून
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji Tiger Reserve) में एक बार फिर पांचवें बाघ को ट्रेंकुलाइज (बेहोश) करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह फैसला ऋषिकेश वन रेंज में हाल ही में हुए जंगली जानवर के हमले में एक युवक की मौत के बाद लिया गया है। वन विभाग की ओर से विशेष टीम गठित की गई है जो बाघ पर नजर बनाए हुए है और सही मौके पर उसे ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास करेगी।


वन विभाग के मुताबिक, बाघ की लोकेशन पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है, हालांकि अधिकारियों ने फिलहाल यह साफ नहीं किया है कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के बाद कहां भेजा जाएगा। इसकी योजना अभी गोपनीय रखी जा रही है।


कॉर्बेट से आया बाघ, कई दिनों से ऋषिकेश क्षेत्र में सक्रिय

गौरतलब है कि 1 मई को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से एक पांच वर्षीय बाघ को राजाजी पार्क की मोतीचूर रेंज में स्थानांतरित किया गया था। इसके बाद से यह बाघ लगातार देहरादून डिवीजन के अंतर्गत आने वाली ऋषिकेश रेंज में सक्रिय है, जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों में भय का माहौल है।


दो भाइयों पर हमला, एक की मौत

बीते शुक्रवार की सुबह जंगल में मालू के पत्ते लेने गए दो सगे भाइयों पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया था, जिसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद से पूरे वन महकमे में हड़कंप मच गया है।


हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि हमला उसी बाघ ने किया है या किसी अन्य जानवर ने, लेकिन घटना के समय बाघ की लोकेशन, और घायल भाई के बयान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हमला उसी बाघ द्वारा किया गया हो सकता है।


जांच के आदेश, सतर्कता की अपील

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक कोको रोसे ने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही देहरादून डिवीजन और राजाजी पार्क प्रशासन को अलर्ट मोड में रखा गया है। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने, और रात के समय घरों से बाहर न निकलने की सख्त सावधानी बरतने की अपील की गई है।


ग्रामीणों में डर, वन विभाग पर नजरें

लगातार बाघ की गतिविधियों से ग्रामीण चिंतित और डरे हुए हैं। ऐसे में वन विभाग पर यह दबाव है कि वह जल्द से जल्द स्थिति पर नियंत्रण पाए और बाघ को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करे, ताकि इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को टाला जा सके।

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