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टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के एचआरडी केंद्र को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का सम्मान

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 13 जुल॰
  • 3 मिनट पठन
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भारत सरकार के विद्युत क्षेत्र के प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम, टीएचडीसी इंडिया लिमिटे(THDC India Limited) ने मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी के मानव संसाधन विकास केंद्र, ऋषिकेश को प्रतिष्ठित एसएचआरएम इंडिया (सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट) द्वारा ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। यह सम्मान टीएचडीसीआईएल के एचआरडी केंद्र को सार्वजनिक क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण संस्थानों में स्थान दिलाता है, जिसमें भारतीय तेल निगम (IOCL), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) जैसे दिग्गज उपक्रम भी शामिल हैं।


टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर. के. विश्नोई ने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर अपनी एचआर टीम को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह सम्मान हमारी कंपनी की प्रतिभा विकास और उत्कृष्ट कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारे कर्मचारी, विशेषकर एचआरडी केंद्र के माध्यम से, ज्ञान, नवाचार और परिवर्तन के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में लगातार कार्य कर रहे हैं। यह मान्यता हमारी दूरदर्शिता को दर्शाती है, जो भविष्य के लिए तैयार, प्रशिक्षित और सशक्त मानव संसाधन विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”


श्री विश्नोई ने आगे बताया कि एसएचआरएम-पीएसई बेंचमार्किंग पहल के अंतर्गत प्राप्त यह प्रमाणपत्र टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। यह केंद्र सार्वजनिक क्षेत्र के उत्कृष्ट प्रशिक्षण संस्थानों की अग्रिम पंक्ति में स्थान प्राप्त कर चुका है, जो वैश्विक मानकों पर आधारित शिक्षण प्रणाली, कर्मचारी हितैषी प्रक्रियाओं और उन्नत अधोसंरचना को अपनाने की कंपनी की रणनीति को सशक्त बनाता है।


इस मान्यता के लिए एक व्यापक और कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिसमें कंपनी की मानव संसाधन नीतियों की समीक्षा, प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं प्रतिक्रिया, एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर), सुरक्षा प्रोटोकॉल, उपस्थिति ऑडिट, अधोसंरचना निरीक्षण, नेतृत्व क्षमता, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों से गहन संवाद शामिल थे। यह मील का पत्थर टीएचडीसीआईएल की संगठन के सभी स्तरों पर क्षमता विकास, उत्कृष्टता, और ‘विकसित भारत 2047’ की राष्ट्रीय परिकल्पना में योगदान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) श्री शैलेन्द्र सिंह ने इस विशिष्ट सम्मान पर बधाई देते हुए कहा, “यह पुरस्कार मानव पूंजी विकास में टीएचडीसीआईएल की अग्रणी यात्रा का एक नया स्वर्णिम अध्याय है। कठोर अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन मानदंडों के अनुरूप प्राप्त यह मान्यता हमारे एचआरडी केंद्र की वैश्विक स्तर की प्रशिक्षण, डिजिटल क्षमता और व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ रणनीतिक समन्वय में हमारी प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है।”


उन्होंने यह भी बताया कि टीएचडीसीआईएल के लिए मानव संसाधन केवल नीतियों और प्रक्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ‘लोगों’ के बारे में है। “हमारी सोच सदैव कर्मचारी केंद्रित रही है—जिसमें प्रतिभा पोषण, समावेशिता, सतत अधिगम और ऐसा सकारात्मक कार्य वातावरण विकसित करना शामिल है, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति फल-फूल सके और संगठन की प्रगति में सक्रिय योगदान दे सके।”


श्री सिंह ने आगे कहा, “हमारा एचआरडी केंद्र केवल प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि रणनीतिक परिवर्तन का संवाहक है। यह मान्यता प्रमाणित करती है कि हम अपने मानव संसाधन को अत्याधुनिक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे आज के प्रतिस्पर्धात्मक और तेजी से बदलते व्यावसायिक माहौल में सशक्त भूमिका निभा सकें। यह उपलब्धि टीएचडीसीआईएल को नवाचार आधारित, शिक्षा केंद्रित संगठन के रूप में और अधिक मजबूत बनाती है।”


इस अवसर पर श्री निशीथ उपाध्याय, कार्यकारी निदेशक (नॉलेज एवं एडवाइजरी सर्विसेज), एसएचआरएम इंडिया और श्री निशांत पराशर, वरिष्ठ प्रबंधक, एसएचआरएम इंडिया द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। समारोह में टीएचडीसीआईएल के मुख्य महाप्रबंधक (एचआर-प्रशासन, केंद्रीय संचार एवं एचआरडी) डॉ. ए. एन. त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


टीएचडीसीआईएल का एचआरडी केंद्र आज न केवल कंपनी के कर्मचारियों के लिए, बल्कि अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों एवं अग्रणी बहुराष्ट्रीय निजी संस्थानों के लिए भी एक विश्वस्तरीय अधिगम एवं क्षमता निर्माण केंद्र बन चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस केंद्र ने लगभग ₹90 लाख का प्रशिक्षण राजस्व अर्जित किया, जो इसे व्यावसायिक विकास के क्षेत्र में एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।


आगामी वर्षों में, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड कई नवाचारों और भविष्य-दृष्टि पहलों के साथ नए कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹2 करोड़ से अधिक प्रशिक्षण राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही, यह केंद्र अब अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों एवं वैश्विक संस्थानों तक अपनी सेवाएं विस्तारित करने की दिशा में भी तैयार है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर मानव संसाधन उत्कृष्टता केंद्र के रूप में अपनी साख और प्रभाव को और मजबूत करेगा।

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