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UCC के तहत विवाह पंजीकरण अनिवार्य, सरकार ने दी राहत, 26 जुलाई तक मुफ्त में कराए रजिस्ट्रेशन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (UCC) के अंतर्गत विवाह पंजीकरण अब पूरी तरह अनिवार्य हो गया है। विशेष रूप से उन सभी जोड़ों के लिए, जिनका विवाह 26 मार्च 2010 से 26 जनवरी 2025 के बीच संपन्न हुआ है। इस अनिवार्यता के चलते सरकार ने एक बड़ी राहत भी दी है—अब आगामी 26 जुलाई 2025 तक विवाह पंजीकरण पूरी तरह निशुल्क रहेगा।


अब तक 1.90 लाख से अधिक विवाह पंजीकृत

राज्य में 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद से अब तक 1.90 लाख से ज्यादा जोड़े अपने विवाह का पंजीकरण करा चुके हैं। UCC के प्रावधानों के अनुसार, जिन नागरिकों ने पहले से ही उत्तराखंड विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2010 या किसी वैयक्तिक कानून के तहत विवाह पंजीकृत कराया है, उन्हें भी UCC पोर्टल पर संबंधित जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।


डिजिटल प्रक्रिया से बढ़ी सुविधा

UCC के तहत विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है। राज्य सरकार ने इसे सरल और सहज बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है, ताकि नागरिक बिना किसी कार्यालयीय दौड़-भाग के अपने दस्तावेज़ों को अपलोड कर विवाह पंजीकरण पूरा कर सकें।


250 रुपये की फीस में छूट सिर्फ 26 जुलाई तक

यद्यपि सामान्य स्थिति में विवाह पंजीकरण हेतु ₹250 शुल्क निर्धारित है, लेकिन राज्य सरकार ने नागरिकों की सुविधा और जागरूकता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है कि 26 जुलाई 2025 तक यह प्रक्रिया बिना किसी शुल्क के की जा सकेगी।


समय रहते कराएं पंजीकरण, वरना शुल्क देना होगा

जो नागरिक इस तय समयसीमा के बाद यानी 26 जुलाई 2025 के बाद विवाह पंजीकरण कराते हैं, उनसे पुनः निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। इसलिए सरकार ने अपील की है कि जिनका विवाह 27 जनवरी 2025 से पहले हुआ है, वे जल्द से जल्द इस सुविधा का लाभ उठाएं।

 
 
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