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UCC नियमावली: पंजीकरण की समयसीमा और अधिकारियों की जवाबदेही तय, अपील का विकल्प भी मिलेगा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 28 जन॰
  • 3 मिनट पठन


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समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत पंजीकरण प्रक्रिया में अधिकारियों की जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई हैं। यदि किसी आवेदन का समय पर सत्यापन या कार्रवाई नहीं होती, तो यह आवेदन स्वचालित रूप से उच्च अधिकारी के पास भेजा जाएगा। यदि आवेदक को किसी आदेश पर आपत्ति होती है, तो वह ऊपरी अधिकारी के पास अपील कर सकता है, और इस अपील का निपटारा 60 दिनों के भीतर किया जाएगा। इसमें सुनवाई, दस्तावेज़ों की जांच और तर्कसंगत आदेश पारित किए जाएंगे।


यूसीसी समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उनके अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सब रजिस्ट्रार के पास आवेदन करता है और 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो आवेदन सीधे रजिस्ट्रार के पास भेजा जाएगा। यदि रजिस्ट्रार भी कोई कार्रवाई नहीं करता, तो यह मामला रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा। सब रजिस्ट्रार, रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार जनरल के कर्तव्यों को यूसीसी में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।



पंजीकरण प्रक्रिया की समयसीमा:

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-सब रजिस्ट्रार को 15 दिन के भीतर सभी दस्तावेजों की सत्यता की जांच करनी होगी, जबकि तत्काल मामलों में यह जांच तीन दिन के भीतर करनी होगी।

-यदि कोई आवेदन अस्वीकृत किया जाता है, तो आवेदक को रजिस्ट्रार के पास अपील का अधिकार होगा। रजिस्ट्रार जनरल द्वारा की गई जांच पर भी आवेदक अपील कर सकता है।



कार्रवाई में निष्क्रियता पर दंड:

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अगर कोई अधिकारी समय पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उसे पुलिस को सूचित करने का अधिकार होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि विवाह की जानकारी सत्यापित नहीं होती, तो इसकी सूचना माता-पिता या अभिभावकों को दी जाएगी।



आवेदन और पंजीकरण के स्थान:

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-ग्रामीण क्षेत्र में आवेदन एसडीएम और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से लिया जा सकता है।

-शहरी क्षेत्र में नगर निगम या नगर पालिका के अधिकारी इसे संभालेंगे।

-छावनी क्षेत्र में यह प्रक्रिया सीईओ और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर द्वारा की जाएगी।

-सभी क्षेत्रों में रजिस्ट्रार जनरल जो कि सचिव स्तर का अधिकारी होगा, इसकी निगरानी करेगा।



विवाह का पंजीकरण:

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-26 मार्च 2010 से पहले हुए विवाहों का पंजीकरण पहले छह महीनों में कराना होगा।

-संहिता लागू होने के बाद विवाहों का पंजीकरण विवाह की तिथि से 60 दिन के भीतर करना अनिवार्य होगा।

-विवाह विच्छेद के मामलों में, डिक्री की अंतिम तारीख से 60 दिन के भीतर पंजीकरण किया जाएगा।



तत्काल पंजीकरण सुविधा:

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जो लोग विदेश जाना चाहते हैं और उनका पंजीकरण जरूरी है, उनके लिए तत्काल पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध होगी। यह प्रक्रिया तीन दिन के भीतर पूरी की जा सकेगी। रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार को अगर कोई जानकारी चाहिए, तो वह 24 घंटे के भीतर आवेदक से मांग सकते हैं और आवेदक को इसे प्रदान करना होगा।



तलाक और विवाह विच्छेद:

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यूसीसी के तहत तलाक या विवाह विच्छेद से जुड़ी डिक्री की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पंजीकरण किया जा सकता है। इसके लिए आवेदक को विवाह पंजीकरण नंबर, अदालत केस नंबर, अंतिम आदेश की तारीख, बच्चों का विवरण और अदालत का अंतिम आदेश प्रस्तुत करना होगा।



आवेदक के अधिकार:

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-यदि सब रजिस्ट्रार या रजिस्ट्रार समय पर कार्रवाई नहीं करते, तो आवेदक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है।

-सब रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश पर 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है।

-रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल के पास भी अपील की जा सकती है।

-यह सभी अपील ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दायर की जाएंगी।



यूसीसी के इस प्रावधान से पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के प्रयास किए गए हैं। इसके तहत अधिकारियों की जिम्मेदारियां स्पष्ट की गई हैं, जिससे जोड़ों को विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप के मामलों में आसानी हो।

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