उत्तराखंड में हाउसिंग सोसायटी के लिए नए अंब्रेला सिस्टम का आगाज, संपत्ति विवाद और मालिकाना हक होगा आसान
- ANH News
- 13 मई
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उत्तराखंड में वित्त विभाग ने राज्य की तेजी से बढ़ती हाउसिंग सोसायटियों को एक संगठित और व्यवस्थित प्लेटफार्म पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अपर सचिव वित्त, श्री अरुणेंद्र सिंह चौहान ने पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया पोर्टल अब परीक्षण के अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही लांच किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस पोर्टल का उद्देश्य राज्य में बढ़ते हाउसिंग सोसायटी के चलन को नियंत्रित और सुव्यवस्थित करना है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में हाउसिंग सोसायटी की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप कई व्यवस्थागत चुनौतियां उत्पन्न हो गई थीं। इन समस्याओं के समाधान के लिए वित्त विभाग ने एक व्यापक प्रस्ताव तैयार किया और उसे शासन को सौंप दिया है।
70,000 से ज्यादा सोसायटियों को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा
इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में स्थित 70,000 से अधिक सोसायटियों—जिनमें हाउसिंग, शिक्षा, चिकित्सा, आवासीय, और अन्य विभिन्न प्रकार की सोसायटियां शामिल हैं—को एक खुले और डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। इससे न केवल इन सोसायटियों के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता आएगी, बल्कि नागरिकों को भी इनसे संबंधित सभी सेवाओं और जानकारी तक पहुँच आसान होगी।
स्वच्छ और व्यवस्थित व्यवस्था का उद्देश्य
वित्त विभाग का यह कदम राज्य में सोसायटियों के संचालन को एक व्यवस्थित रूप देने के लिए है, जिससे सभी नागरिकों को एक समान और आसान सेवा प्रदान की जा सके। इस पोर्टल के लांच होने के बाद, सोसायटी के सदस्य आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।
श्री चौहान ने बताया कि इस पोर्टल के लांच के बाद सरकार की नीतियों को लागू करने में मदद मिलेगी और राज्य में सोसायटियों के लिए कार्य करना और भी सरल हो जाएगा।
संपत्ति विवाद और मालिकाना हक की समस्याओं का समाधान
इस नए अंब्रेला सिस्टम के तहत, हाउसिंग सोसायटियों के सदस्य अपनी संपत्ति से जुड़ी समस्याओं जैसे संपत्ति विवाद और मालिकाना हक को आसानी से सुलझा सकेंगे। इस सिस्टम के माध्यम से सोसायटियों के सदस्य संबंधित दस्तावेजों, नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे विवादों का निवारण त्वरित और प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।
अभी तक, संपत्ति से जुड़े विवादों और मालिकाना हक को लेकर राज्य में कई समस्याएं सामने आती रही हैं। इन विवादों को सुलझाने के लिए समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है, जिससे नागरिकों को कानूनी मदद और प्रशासनिक सहयोग मिलेगा।
केंद्रीकरण और पारदर्शिता का होगा लाभ
अंब्रेला सिस्टम के तहत, राज्य की 70,000 से अधिक हाउसिंग, शिक्षा, चिकित्सा और आवासीय सोसायटियों को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। यह प्लेटफार्म उन सभी सोसायटियों के संचालन को केंद्रीकृत करेगा, जिससे न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा, बल्कि हर सोसायटी को एक ही मंच से संबंधित सेवाएं प्राप्त होंगी।
यह सिस्टम सोसायटी के संचालन में पारदर्शिता लाएगा, और हर नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलेगी। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि सोसायटी के सदस्य भी अपने अधिकारों का पालन सही तरीके से कर सकेंगे।
आसान शिकायत निवारण और संचार प्रणाली
इस प्रणाली का एक और बड़ा लाभ यह होगा कि नागरिकों को अपनी शिकायतें और समस्याएं दर्ज करने के लिए एक आसान तरीका मिलेगा। उन्हें अब अलग-अलग स्थानों पर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी। एक केंद्रीय मंच पर अपनी शिकायतें दर्ज करने के बाद, उनकी निगरानी की जाएगी और समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
यह अंब्रेला सिस्टम तकनीकी दृष्टि से भी आधुनिक होगा, जहां डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करके सोसायटियों के दस्तावेज, बिल भुगतान, और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जाएंगी। इस पहल से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को भी कम किया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य की हाउसिंग सोसायटियों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है। अंब्रेला सिस्टम की मदद से संपत्ति विवाद, मालिकाना हक, और अन्य प्रशासनिक समस्याओं का समाधान जल्दी और पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा। इसके साथ ही, नागरिकों को एक समर्पित और सरल तरीके से सेवाएं प्राप्त होंगी, जिससे राज्य के सोसायटी सदस्य अपनी संपत्ति के मामलों में अधिक जागरूक और सुरक्षित महसूस करेंगे।





