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उर्मिमाला और स्निग्धा बरुआ: असम की समृद्ध संस्कृति के साथ कान फिल्म फेस्टिवल 2025 में जलवा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 24 मई
  • 2 मिनट पठन

दुनिया के प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल का आयोजन इन दिनों हो रहा है, और इसमें दुनियाभर के सेलिब्रिटीज अपने फैशन और लुक्स से लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस बीच, कान की रेड कार्पेट पर एक मां-बेटी की जोड़ी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह जोड़ी किसी फिल्मी सितारों की नहीं, बल्कि असम की रहने वाली उर्मिमाला बरुआ और उनकी बेटी स्निग्धा बरुआ की है।


इस जोड़ी की खास बात यह है कि इन्हें कान फिल्म फेस्टिवल में देखकर सभी लोग हैरान हैं, क्योंकि ये दोनों न केवल बॉलीवुड का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि इन्होंने असम की संस्कृति और अपने विशेष लुक से कान की रेड कार्पेट को अपनी पहचान दी है।


उर्मिमाला और स्निग्धा: एक प्रेरणादायक मां-बेटी की जोड़ी

उर्मिमाला बरुआ एक उद्यमी (एंटरप्रेन्योर) हैं और उनकी बेटी स्निग्धा बरुआ उनकी कंपनी की को-फाउंडर हैं। यह मां-बेटी की जोड़ी असम के एक छोटे से गांव से निकलकर आज कान जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंची है, जो एक प्रेरणा का स्रोत है। उनकी उपस्थिति ने न केवल फैशन के मामले में बल्कि असम की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी ग्लोबल स्तर पर प्रस्तुत किया है।



असम की संस्कृति को दर्शाती ड्रेस

इस जोड़ी की ड्रेसों में असमिया संस्कृति की छाप साफ देखी जा सकती है। उर्मिमाला की ड्रेस में बरगद के पेड़ से प्रेरणा ली गई है, जो भारतीय संस्कृति में संघटन, ताकत और मानवता के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उनकी ड्रेस में बरगद के पेड़ की विशालता और जड़ों का आकार परिलक्षित होता है, जो उनके जीवन के संघर्ष और विकास की कहानी को भी बयां करता है।


वहीं, उनकी बेटी स्निग्धा की ड्रेस में बांस के पेड़ से प्रेरणा ली गई है, जो असम की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है। बांस के पंखों से तैयार की गई यह ड्रेस असम की संस्कृति, विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य को सम्मानित करने का एक अनूठा तरीका है। यह ड्रेस असम के समृद्ध वन्य जीवन और कला की ओर एक श्रद्धांजलि है।



कान में असम की खूबसूरती का प्रदर्शन

कान फिल्म फेस्टिवल में उर्मिमाला और स्निग्धा की ड्रेस न केवल असम की सांस्कृतिक धरोहर को दिखाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि फैशन के माध्यम से हम अपनी पहचान और संस्कृति को विश्व पटल पर प्रस्तुत कर सकते हैं। मां-बेटी की इस जोड़ी ने साबित कर दिया कि वास्तविक खूबसूरती सिर्फ फैशन में नहीं, बल्कि हमारी जड़ों और संस्कृति में भी छिपी होती है।


इस तरह, उर्मिमाला और स्निग्धा बरुआ की उपस्थिति और उनका पहनावा न केवल कान फिल्म फेस्टिवल में बल्कि पूरे दुनिया में असम की संस्कृति और कलात्मकता को एक नई पहचान दे रहा है।

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