उत्तराखंड में जल्द लागू होगी इलेक्ट्रिक वाहन नीति, सरकारी विभागों से सुझाव मिलते ही होगी घोषणा
- ANH News
- 6 घंटे पहले
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देहरादून: राज्य सरकार उत्तराखंड को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण, उपयोग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। यदि विभिन्न सरकारी विभागों से समय पर सुझाव प्राप्त हो गए, तो उत्तराखंड की इलेक्ट्रिक वाहन नीति अगले महीने तक लागू हो सकती है।
उद्योग विभाग द्वारा इस नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और अब विभागों से औपचारिक प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार है। नीति का निर्माण सेतु आयोग की सक्रिय पहल और विभिन्न विशेषज्ञों से परामर्श के बाद किया गया है।
सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने कहा, "उत्तराखंड की ईवी नीति न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद आवश्यक और समयानुकूल है। सरकार की मंशा इसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की है।"
नीति के चार मुख्य स्तंभ – निर्माण से लेकर नागरिकों को प्रोत्साहन तक
इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी व्यवस्था को मजबूती देने के लिए चार प्रमुख पहलुओं पर फोकस किया गया है:
विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग):
नीति का पहला और सबसे अहम बिंदु ईवी का राज्य में उत्पादन सुनिश्चित करना है। इसके लिए ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ बातचीत हो चुकी है, और ये कंपनियाँ उत्तराखंड में निवेश करने को तैयार हैं।
खरीद प्रतिबद्धता (Procurement Commitment):
राज्य सरकार अपने विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता से अपनाने की दिशा में कदम उठाएगी। यह न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से लाभकारी होगा, बल्कि निजी क्षेत्र को भी इसके प्रति प्रेरित करेगा।
नागरिकों के लिए प्रोत्साहन (Incentives for Citizens):
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए आम नागरिकों को प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव भी नीति में शामिल हैं। इनमें सब्सिडी, टैक्स में छूट या रजिस्ट्रेशन शुल्क में राहत जैसे उपाय हो सकते हैं।
चार्जिंग अवस्थापना (Charging Infrastructure):
प्रदेशभर में चार्जिंग स्टेशनों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया जाएगा, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में किसी प्रकार की बाधा न आए।
नीति को तैयार करते समय ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े
उद्योगपतियों और तकनीकी विशेषज्ञों से भी संवाद किया गया है, जिससे यह नीति अधिक व्यावहारिक और दूरदर्शी बन सके। अब यह मसौदा विभिन्न सरकारी विभागों में चर्चा के लिए भेजा गया है और जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
राजशेखर जोशी ने आगे कहा -"सरकारी विभागों के बेड़े में ईवी शामिल करने को लेकर सकारात्मक माहौल है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही विभागों से चर्चा पूरी हो जाएगी और नीति को लागू किया जा सकेगा।"