Uttarakhand बोर्ड के टॉपर्स छात्रों को एक दिन के DM और SP बनने का मिलेगा मौका, मुख्यमंत्री धामी की प्रेरणादायी पहल
- ANH News
- 17 जून
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उत्तराखंड सरकार राज्य के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मान देने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन पहलों को प्रदेश के भविष्य निर्माण और सामाजिक जागरूकता की दिशा में एक सशक्त कदम बताया है।
"एक दिन का जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक" बनेगें टॉपर छात्र-छात्राएँ
प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को उनके संबंधित जनपद में एक दिन का जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) बनाए जाने की घोषणा की गई है। इस योजना का उद्देश्य मेधावियों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली का प्रत्यक्ष अनुभव देना और उनमें नेतृत्व कौशल व आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा जाए। साथ ही शासन स्तर पर इसके लिए एक व्यवस्थित कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह योजना जल्द ही सभी जिलों में प्रेरणादायी मॉडल के रूप में लागू की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा:
"यह अभिनव प्रयास मेधावी विद्यार्थियों को शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें उच्च लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगा।"
'नदी उत्सव' के माध्यम से जनभागीदारी से जल संरक्षण की मुहिम
मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण पहल के रूप में राज्य में ‘नदी उत्सव’ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह उत्सव उत्तराखंड की प्रमुख नदियों के नाम पर, जनसहभागिता के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। आयोजन का उद्देश्य राज्य की नदियों की सफाई, संरक्षण, पुनर्जीवन और स्वच्छता को एक जन आंदोलन के रूप में विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि "उत्तराखंड की नदियाँ केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा हैं। 'नदी उत्सव' के माध्यम से आम जनमानस को जल संरक्षण व पर्यावरण के प्रति सजग किया जाएगा।"
धामी सरकार की सोच: शिक्षा और पर्यावरण दोनों को प्राथमिकता:
जानकारों और पर्यवेक्षकों का मानना है कि ये दोनों योजनाएँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदर्शी सोच का परिचायक हैं। एक ओर यह मेधावी छात्रों को सम्मान और प्रेरणा प्रदान करने का प्रयास है, तो दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण और जल जागरूकता की दिशा में एक सशक्त सामाजिक पहल।
इस प्रकार उत्तराखंड सरकार राज्य के युवाओं और प्राकृतिक धरोहरों दोनों के लिए सार्थक प्रयासों की ओर अग्रसर है — जिससे प्रदेश के विकास में जनभागीदारी और संवेदनशीलता की एक नई मिसाल कायम हो सकेगी।





