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Uttarakhand: रेखा गुप्ता ने CM धामी के नेतृत्व में हुए विकास कार्यो को जमकर सराहा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 3 जून
  • 2 मिनट पठन

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दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता पहली बार धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा स्नान किया। सीएम रेखा गुप्ता ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें दिल्ली के लिए प्रेरणा स्त्रोत बताया।


इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि की गरिमा और उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के संकल्प को पुनः दोहराया। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड के सभी प्रमुख धार्मिक स्थल निरंतर विकास के मार्ग पर अग्रसर हैं और विश्व पटल पर अपनी पहचान मजबूती से स्थापित कर रहे हैं। संतों और स्थानीय जनमानस के सहयोग से धार्मिक स्थलों का संवर्धन हो रहा है, जिससे पर्यटन को भी नया विस्तार मिल रहा है। सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड में विकास की जो प्रगति हुई है, उसे विश्व भर में सराहना मिल रही है।


इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर परमानंद महाराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम धामी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी बदलती जनसंख्या संरचना (डेमोग्राफी) को सुधारने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीएम के लिए सौभाग्य की बात है कि उनके पास दो प्रेरणादायक मुख्यमंत्री और एक उत्कृष्ट प्रधानमंत्री जैसे नेता हैं। महामंडलेश्वर ने कई प्रेरक और रचनात्मक कथाओं का वर्णन कर कार्यक्रम को समृद्ध बनाया।


साध्वी ऋतंभरा ने संत-महंतों और आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस दशा में देश आज प्रगति कर रहा है, वह पूर्वजों के त्याग और बलिदान का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि देवभूमि से पूरे देश को यूसीसी जैसे कानून की प्रेरणा मिली है, जिसे देश भर में लागू करने की आवश्यकता है। साध्वी ने सीएम धामी की प्रशंसा करते हुए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से भी अपेक्षा जताई कि वे नारी समाज के सम्मान के लिए अपने दायित्वों का संपूर्ण निर्वाह करेंगी। साध्वी ऋतंभरा ने राम मंदिर आंदोलन और कारसेवा के विभिन्न दौरों को याद करते हुए भावुक स्वर में अपनी बातें रखीं।


कार्यक्रम में साध्वी निरंजन ज्योति, महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, विशोकानंद महाराज, महामंडलेश्वर ज्योर्तिमयानंद, साध्वी गंगा दास, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, आचार्य बालकृष्ण सहित बड़ी संख्या में संत-महंत और श्रद्धालु मौजूद थे।


 
 
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