योग नीति को मंजूरी: उत्तराखंड में योग एवं ध्यान केंद्र के लिए 20 लाख तक मिलेगी सब्सिडी
- ANH News
- 29 मई
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उत्तराखंड सरकार ने योग और वेलनेस क्षेत्र में विकास को नई दिशा देने के लिए योग नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। यह नीति प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व योग व ध्यान के क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय केंद्र बनाने की महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देगी।
पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में निवेश पर सब्सिडी का प्रावधान
नीति के तहत प्रदेश सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में योग और ध्यान केंद्रों के विकास के लिए निवेश पर 50 प्रतिशत तक या अधिकतम 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में निवेश करने वालों को 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। इस पहल से राज्य के योग केंद्रों का विस्तार होगा और आयुष, हेल्थ एवं वेलनेस सेवाओं में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
योग हब के रूप में पांच प्रमुख क्षेत्रों का विकास
नीति के तहत जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील एवं कोलीढेक झील क्षेत्र को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। मार्च 2026 तक प्रदेश के 300 से अधिक आयुष, हेल्थ और वेलनेस केंद्रों में योग की सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
योग केंद्रों का अनिवार्य पंजीकरण और डिजिटल प्लेटफॉर्म
योग नीति में योग केंद्रों और संस्थानों के 100% पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके लिए एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफॉर्म शुरू किया जाएगा, जिससे योग केंद्रों की गुणवत्ता, प्रमाणन एवं निगरानी में सुधार होगा।
योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए शोध को बढ़ावा
नीति में योग, ध्यान एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध कार्यों के लिए 10 लाख रुपये तक के अनुदान का प्रावधान है। इसके लिए कुल 1 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, आयुर्वेदिक संस्थाओं, स्वास्थ्य संगठनों एवं एनजीओ को दिया जाएगा।
योग शिक्षकों के लिए अनुदान और प्रमाणन व्यवस्था
नीति में योग अनुदेशकों के लिए भी सुविधाएं दी गई हैं। होमस्टे, रिसॉर्ट, होटल, स्कूल और कॉलेजों में कार्यरत योग शिक्षकों को प्रति सत्र 250 रुपये की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। प्रति माह 20 योग सत्रों तक यह भुगतान किया जाएगा। योग सर्टिफिकेशन बोर्ड द्वारा प्रमाणित योग अनुदेशकों को परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति भी दी जाएगी, जिससे हर साल लगभग 500 योग शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
योग व प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय का गठन
नीति के कार्यान्वयन के लिए एक योग व प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय की स्थापना की जाएगी। यह निदेशालय नीति संचालन, गुणवत्ता नियंत्रण, पंजीकरण, अनुदान वितरण तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करने का कार्य करेगा। निदेशालय में निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, योग विशेषज्ञ और अन्य आवश्यक स्टाफ शामिल होंगे।
पांच वर्षों में 35 करोड़ रुपये की सब्सिडी और निवेश
प्रदेश सरकार योग नीति के तहत आने वाले पांच वर्षों में योग केंद्रों के विकास, शोध, प्रशिक्षण और संचालन के लिए कुल 35 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें योग केंद्रों के लिए 25 करोड़, अनुसंधान के लिए 1 करोड़, शिक्षक प्रमाणन के लिए 1.81 करोड़, और योग सत्रों के संचालन में 7.5 करोड़ रुपये शामिल हैं। नीति की सफलता और निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय राज्य समिति का गठन भी किया जाएगा।
रोजगार के अवसरों का सृजन
योग नीति के माध्यम से प्रदेश में लगभग 13,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। योग अनुदेशकों को होमस्टे, होटल व रिसॉर्ट्स में नौकरी मिलने की संभावना बढ़ेगी।
त्तराखंड योग नीति 2025 राज्य को योग और वेलनेस के क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर करेगी। इस नीति के तहत निवेश, प्रशिक्षण, शोध और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रदेश का स्वास्थ्य, पर्यटन और आर्थिक विकास एक नई ऊंचाई को छुएगा।
दीपेंद्र चौधरी, सचिव आयुष





