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उत्तराखंड तैयार कर रहा है सुनहरा कल, मुख्यमंत्री धामी देंगे खेल विश्वविद्यालय और 23 अकादमियों की सौगात

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में खेल और खिलाड़ियों को सशक्त बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस वर्ष दो ऐतिहासिक सौगात देने जा रहे हैं। जहां एक ओर हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय की नींव रखी जाएगी, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 अत्याधुनिक खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इन दोनों परियोजनाओं से उत्तराखंड को "खेल भूमि" के रूप में स्थापित करने के प्रयासों को नई गति मिलेगी।


29 अगस्त को होगा खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास

राष्ट्रीय खेल दिवस, 29 अगस्त को, हल्द्वानी में बनने वाले खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास समारोह आयोजित किया जाएगा। विश्वविद्यालय की अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। यह संस्थान न केवल खिलाड़ियों को पेशेवर प्रशिक्षण देगा, बल्कि कोचिंग, खेल विज्ञान, प्रबंधन व अनुसंधान के क्षेत्र में भी उच्चस्तरीय शिक्षा का केंद्र बनेगा।


23 खेल अकादमियों की स्थापना: आठ शहरों को मिलेगा विशेष लाभ

राज्य सरकार ने देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत आठ शहरों में खेल अकादमियां खोलने की योजना तैयार की है। यह वही शहर हैं जहां हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान व्यापक स्तर पर खेल गतिविधियां आयोजित की गईं और आधारभूत ढांचे को विकसित किया गया। इन अकादमियों से:


खिलाड़ियों को निरंतर प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी,


खेल परिसरों का सुनियोजित रखरखाव संभव होगा,


और प्रतिभावान खिलाड़ियों को करियर निर्माण का ठोस मंच मिलेगा।


मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल में खेलों की उल्लेखनीय प्रगति

राज्य सरकार के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल के चौथे वर्ष में उत्तराखंड ने खेल जगत में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। राज्य के रजत जयंती वर्ष में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य और सफल आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक पदक जीतकर पदक तालिका में सातवां स्थान हासिल किया।


नई खेल नीति: खिलाड़ियों के लिए सुनहरा भविष्य

सरकार ने एक नई खेल नीति लागू की है, जिसके तहत:


ओलंपिक पदक विजेताओं को ₹1 से ₹2 करोड़ तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।


अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं।


प्रोत्साहन राशि को दोगुना कर दिया गया है।


मेधावी खिलाड़ियों को छात्रवृत्तियां भी दी जा रही हैं, ताकि वे बिना किसी आर्थिक दबाव के प्रशिक्षण ले सकें।


"उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में पहचान मिलना हम सभी के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद प्रदेश में खेलों को लेकर सकारात्मक माहौल बना है। हम खिलाड़ियों के विकास के लिए लगातार ठोस निर्णय ले रहे हैं और उन्हें जमीनी स्तर पर लागू कर रहे हैं।"

– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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