नई मुख्यमंत्री स्वरोजगार नीति: अब छोटा कारोबार शुरू करने के लिए सरकार देगी चार गुणा तक ऋण
- ANH News
- 12 मई
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प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए नई मुख्यमंत्री स्वरोजगार नीति का प्रस्ताव तैयार किया है, जो आगामी कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा। इस नीति के तहत, छोटे कारोबारियों को अब 50 हजार से बढ़ाकर दो लाख तक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को विस्तारित करने का अवसर मिलेगा।
यह नीति मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (MSY) और मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म (नैनो) योजना को समाहित करती है, जो पहले से ही प्रदेश में चल रही थीं। दोनों योजनाओं के फायदों को एक साथ लाकर अब यह नई नीति बनाई गई है, जिससे स्वरोजगार क्षेत्र में और अधिक अवसर पैदा होंगे और राज्य में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
नई नीति की प्रमुख विशेषताएं:
ऋण सीमा में वृद्धि:
वर्तमान में नैनो योजना में छोटे व्यवसायों को केवल 50 हजार रुपये तक का ऋण मिलता था, जबकि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण सीमा 10 से 25 लाख तक थी। लेकिन, अब दो लाख तक का ऋण छोटे कारोबारियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
ऋण पर सब्सिडी:
विनिर्माण, सेवा, और व्यापार क्षेत्र के लिए निर्धारित विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, जो व्यवसाय की प्रोजेक्ट लागत पर निर्भर करेगा। इसके तहत, A और B श्रेणी के क्षेत्रों में 30% से 20% तक सब्सिडी मिलेगी, जबकि C और D श्रेणी के क्षेत्रों में 25% से 15% तक सब्सिडी मिलेगी।
महिला लाभार्थियों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी:
महिला लाभार्थियों को 5% अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे महिलाएं स्वरोजगार के क्षेत्र में अधिक संख्या में भाग ले सकेंगी।
ग्रामीण क्षेत्रों और नगर पंचायत क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन:
यदि स्वरोजगार स्थापित करने वाले व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र या नगर पंचायत क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
एक जिला, दो उत्पाद (ODOP) योजना या जीआई चिह्नित उत्पाद के निर्माण पर भी अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।
सिर्फ ऋण नहीं, रोजगार भी:
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत, 31715 लोगों को विभिन्न व्यवसायों से ऋण उपलब्ध कराया गया है और 95 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। वहीं, नैनो योजना के अंतर्गत, 4658 लाभार्थियों को स्वरोजगार के अवसर मिले हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रोजगार के लिए बड़ा कदम:
प्रदेश सरकार का लक्ष्य आगामी पाँच वर्षों में 50 हजार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का है। इस नीति के अंतर्गत, प्रदेश भर में नवीनतम रोजगार अवसर पैदा होंगे और स्वतंत्र उद्यमियों के लिए एक नया रास्ता खोला जाएगा।
कैबिनेट में प्रस्ताव पर चर्चा:
सचिव उद्योग, विनय शंकर पांडेय के अनुसार, यह नई नीति शासन स्तर पर परीक्षण की प्रक्रिया में है और जल्द ही इसे कैबिनेट में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। यदि नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है, तो यह राज्य के छोटे व्यवसायियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा, जो उनके व्यापार को नया आयाम देगा और रोजगार सृजन में मदद करेगा।
अंतिम विचार:
प्रदेश सरकार की नई मुख्यमंत्री स्वरोजगार नीति स्वरोजगार को बढ़ावा देने और छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह नीति न केवल छोटे व्यवसायियों के लिए ऋण सीमा को बढ़ाती है, बल्कि उन लोगों को भी लाभ प्रदान करती है, जो पहले किसी कारणवश स्वरोजगार शुरू करने में सक्षम नहीं थे। महिलाओं, ग्रामीण क्षेत्रों और नगर पंचायतों में स्वरोजगार शुरू करने वाले व्यक्तियों को इस नीति से विशेष लाभ मिलेगा, जिससे प्रदेश में आत्मनिर्भरता और विकास की नई राह खुलेगी।





