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उत्तराखंड की नई आवास नीति से बिखरेगी खुशहाली, अब हर वर्ग को मिलेगा अपना घर बनाने का मौका!

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 26 फ़र॰
  • 3 मिनट पठन


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उत्तराखंड में अब दुर्बल, निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के नागरिकों को भी अपना घर मिल सकेगा। आवास विभाग ने मंगलवार को राज्य की नई आवास नीति लागू कर दी, जिससे इन वर्गों के लिए आवास सुविधाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।


इस नई नीति के तहत, मैदानी इलाकों में आवास की ऊंचाई बढ़ाने का प्रावधान किया गया है, साथ ही विभिन्न प्रकार की छूट भी दी गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर आवास आयुक्त प्रकाश चंद्र दुम्का और उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण की टीम ने इस नई नीति को तैयार किया, जिसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं।


नई नीति की खास बातें:

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• पहली बार, आवास निर्माण करने वाले बिल्डरों के लिए निर्माण मूल्य की सीमा तय की गई है। दुर्बल आय वर्ग के लिए आवास निर्माण की अधिकतम कीमत 9 लाख रुपये या 30,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी, जो पहले 6 लाख रुपये तक थी। निम्न आय वर्ग के लिए यह 15 लाख रुपये या 33,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की गई है। निम्न मध्यम आय वर्ग के लिए अधिकतम 24 लाख रुपये या 40,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित की गई है।


• औद्योगिक विकास विभाग की मेगा इंडस्ट्री पॉलिसी के अनुरूप परियोजनाओं की लागत और क्षेत्रफल के आधार पर उन्हें मेगा, अल्ट्रा मेगा और सुपर अल्ट्रा मेगा श्रेणियों में बांटते हुए नीतिगत व वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे।


• पहाड़ी क्षेत्रों में आवास की ऊंचाई 12 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 30 मीटर रहेगी, जैसा कि पहले था।



आवास नीति की कुछ अन्य अहम बातें:

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• दुर्बल आय वर्ग की आय सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।


• प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर, राज्य सरकार प्रति ईडब्ल्यूएस आवास को 2 लाख रुपये का अनुदान देगी, जबकि पहले यह राशि 1.5 लाख रुपये थी।

आवास आवंटन में परिवार की महिला सदस्य को प्राथमिकता दी जाएगी।


• ईडब्ल्यूएस आवास की बुकिंग केवल 1000 रुपये, एलआईजी की 2000 रुपये और एलएमआईजी की बुकिंग 5000 रुपये में होगी।


• स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क में भी छूट दी जाएगी, जैसे कि ईडब्ल्यूएस आवास के लिए स्टाम्प शुल्क 1000 रुपये, एलआईजी के लिए 5000 रुपये और एलएमआईजी के लिए 10,000 रुपये होगा।


• होम लोन लेने वालों को अनुबंध के स्टाम्प शुल्क में 0.5% की छूट मिलेगी।


• पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली शैली के कम ऊंचाई वाले आवास के लिए सरकार तीन लाख रुपये का अनुदान देगी।


• किफायती आवास अब चार मंजिलों से ऊपर भी बनाए जा सकेंगे, और इनमें लिफ्ट भी लगाए जा सकेंगे, जिसकी देखरेख बिल्डर को 10 साल तक करनी होगी।



नई आय श्रेणियां

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1. दुर्बल आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस): वार्षिक आय 5 लाख रुपये तक।

2. निम्न आय वर्ग (एलआईजी): वार्षिक आय 5-9 लाख रुपये तक।

3. निम्न मध्यम आय वर्ग (एलएमआईजी): वार्षिक आय 9-12 लाख रुपये तक।

4. सामान्य आय वर्ग: वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक।



आवास परियोजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया:

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अब आवास परियोजनाओं की स्वीकृति बहुत तेज़ी से होगी। दुर्बल आय वर्ग, किफायती आवास और संयुक्त किफायती आवास परियोजनाओं की स्वीकृति 21 दिनों के भीतर की जाएगी। इच्छुक अभ्यर्थियों की संकलित सूची प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर आवासीय इकाइयों का निर्धारण किया जाएगा, और परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति सात दिन के भीतर होगी। इसके ठीक 21 दिन के भीतर नक्शे की स्वीकृति दी जाएगी।

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