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दुष्कर्म पीड़िताओं को सरकार का सहारा: 23 साल तक हर माह ₹4000 और संपूर्ण देखभाल की योजना

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 मई
  • 2 मिनट पठन
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राज्य सरकार ने दुष्कर्म की शिकार होकर गर्भवती हुई बालिकाओं के लिए एक सशक्तिकरण और पुनर्वास आधारित समग्र योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत ऐसी पीड़िताओं की संपूर्ण देखभाल, सुरक्षा, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रत्यक्ष रूप से सरकार उठाएगी।


हर पीड़िता को 23 वर्ष की आयु तक मिलेगा ₹4000 प्रतिमाह पोषण भत्ता

राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि दुष्कर्म पीड़िता को 23 वर्ष की उम्र तक ₹4000 प्रतिमाह का पोषण भत्ता दिया जाएगा, ताकि वह शिक्षा और जीवन की अन्य आवश्यकताओं के लिए आर्थिक रूप से सक्षम बन सके। इसके अलावा, पीड़िता की संपूर्ण चिकित्सीय देखभाल, कानूनी सहायता, आवास, कौशल विकास और शिक्षा की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी।


प्रत्येक जिले को ₹10 लाख का बजट आवंटित

इस योजना के सुचारू संचालन के लिए राज्य के प्रत्येक जिले को ₹10 लाख का बजट आवंटित किया गया है। इस वर्ष तीन जिलों को एक-एक लाख रुपये का फंड जारी भी किया जा चुका है।


महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत आर्या ने बताया कि यह पहल केंद्र सरकार की 100% वित्त पोषित योजना के तहत चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य पीड़िताओं को एकीकृत और गरिमापूर्ण सहायता प्रदान करना है।


नवजात शिशु की देखभाल का भी प्रावधान

यदि पीड़िता शिशु को जन्म देती है, तो उसकी देखभाल के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता के अनुसार:


शिशु को 6 साल तक विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (SAA) में रखा जा सकता है।


यदि पीड़िता शिशु को स्वयं नहीं पालना चाहती, तो उसे शिशु गृह में सौंपा जा सकता है।


जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा पीड़िता और शिशु दोनों का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जाएगा।


एकीकृत सहायता सेवाएं:

योजना के अंतर्गत पीड़िता को निम्नलिखित सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी:


मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श सहायता

कानूनी सलाह व प्रतिनिधित्व

शिक्षा एवं स्कूल/कॉलेज में पुनः प्रवेश

चिकित्सा और अस्पताल सुविधा

सुरक्षित आवास

पुलिस सहायता

बीमा कवर (मां और बच्चे दोनों के लिए)

दीर्घकालिक पुनर्वास विकल्प

मिशन वात्सल्य योजना के तहत संस्थागत/गैर-संस्थागत देखभाल


आर्थिक सहायता का स्वरूप:

₹4000 प्रतिमाह पोषण भत्ता (23 वर्ष तक)


₹6000 एकमुश्त सहायता, बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर आधारित


योजना का उद्देश्य:

इस योजना का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि दुष्कर्म पीड़िता को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। ताकि वह न केवल अपने जीवन को दोबारा सामान्य बना सके, बल्कि आत्मसम्मान के साथ समाज में अपनी पहचान भी स्थापित कर सके।

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