ऑपरेशन कालनेमि: देहरादून पुलिस ने साधु वेश में घूम रहे 25 लोगों को किया गिरफ्तार
- ANH News
- 11 जुल॰
- 2 मिनट पठन

देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा धार्मिक आस्था की आड़ में ठगी करने वाले फर्जी साधुओं और कथित बाबाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान "ऑपरेशन कालनेमि" के तहत शुक्रवार को देहरादून पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। इस अभियान के तहत शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों से 25 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जो लंबे समय से साधु के वेश में शहर में घूमकर लोगों को भ्रमित कर रहा था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश पर शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र छवि को ठगों और छद्म साधुओं से बचाना है, जो ज्योतिष, तंत्र-मंत्र और वशीकरण जैसे बहानों से भोली-भाली जनता को गुमराह कर रहे थे। इस विशेष कार्रवाई की कमान स्वयं एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने संभाली और वे नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में सड़कों पर उतरकर संतों के भेष में बैठे लोगों से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ करते नजर आए।

पूछताछ के दौरान जब इन लोगों से उनके पास कोई आध्यात्मिक, धार्मिक या ज्योतिषीय ज्ञान का प्रमाण या दस्तावेज नहीं पाया गया, तो उन्हें तत्काल हिरासत में लेने का आदेश दिया गया। गिरफ्तार सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 170 (सरकारी पद का झूठा प्रतिनिधित्व) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
विशेष रूप से सहसपुर क्षेत्र से गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक रूकन रकम उर्फ शाह आलम पर विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत अलग से मामला दर्ज कर उसे हिरासत में लिया गया है। उसकी गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की टीमों ने उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी है।
जांच में सामने आया है कि ये अधिकतर फर्जी बाबा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश जैसे राज्यों और देशों से आकर देहरादून में बस गए थे। ये लोग विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को टारगेट कर उन्हें वशीकरण, टोने-टोटके और अन्य रहस्यमयी उपायों के जरिए अपने जाल में फंसाकर धोखाधड़ी कर रहे थे।
एसएसपी देहरादून ने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि धार्मिक वेशभूषा का उपयोग कर लोगों को भ्रमित करने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति की तुरंत पहचान कर उसके विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि:
"उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर आस्था के नाम पर अब किसी भी प्रकार की ठगी, फरेब या ढोंग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
"ऑपरेशन कालनेमि" भविष्य में भी इसी कड़े रुख के साथ जारी रहेगा, ताकि देवभूमि की गरिमा को ठगों और फर्जी बाबाओं से पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके।





