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आपदा प्रबंधन पर मुख्यमंत्री धामी की सख्ती, जिलाधिकारियों को दिए त्वरित राहत-बचाव के निर्देश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 31 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 1 सित॰

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देहरादून– मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सभी जिलाधिकारियों एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों से राज्य में हो रही भारी बारिश, भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी ली गई।


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य के संवेदनशील एवं आपदा-प्रवण क्षेत्रों में जन-जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ दिनों तक मौसम के अस्थिर रहने की संभावना को देखते हुए सतर्कता और सजगता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।


राहत-बचाव तंत्र हर समय अलर्ट मोड में रहे

सीएम धामी ने कहा कि सभी आपदा प्रबंधन इकाइयों – जैसे NDRF, SDRF, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य व राहत दल – को 24x7 तैयार रखा जाए। साथ ही जिलों को हर संभव संसाधन और सहयोग तत्काल उपलब्ध कराया जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।


उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा की ठोस व्यवस्था की जाए। जलस्तर में वृद्धि होने की स्थिति में समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।


सड़कों की मरम्मत, यातायात बहाली और चारधाम यात्रा पर विशेष ध्यान


मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा और आगामी त्योहारी सीजन का हवाला देते हुए कहा कि सड़कों की मरम्मत, पुलों की बहाली और आवश्यक यातायात सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (PWD) को सभी निर्माण कार्यों हेतु आवश्यक टेंडर एवं तकनीकी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि कार्य समयबद्ध ढंग से आरंभ हो सकें।


उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी क्षेत्र का विशेष उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भूस्खलन से गिरे मलबे को सुरक्षित स्थानों पर हटाकर डंप किया जाए ताकि पुनः वर्षा होने की स्थिति में नदियों का प्रवाह अवरुद्ध न हो।


बिजली, पानी और पशुपालन सेवाओं की तत्काल बहाली के आदेश


मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि बिजली, पेयजल एवं स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली युद्धस्तर पर की जाए। प्रभावित क्षेत्रों में यदि पशुधन घायल हुआ है, तो उनका भी त्वरित इलाज सुनिश्चित किया जाए।


इसके लिए पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रभावित गांवों में पशु चिकित्सकों की विशेष टीमें भेजी जाएं, ताकि लोगों को अपने पशुओं के इलाज के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े।


सिंचाई विभाग और बांधों की निगरानी

सीएम धामी ने सिंचाई विभाग को सभी बांधों और जलाशयों की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं। जलस्तर बढ़ने की स्थिति में यदि जल छोड़ना आवश्यक हो, तो उसकी पूर्व सूचना जिला प्रशासन को समय से दी जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया जा सके और जन-धन की हानि रोकी जा सके।


मुख्यमंत्री ने कहा, "प्राकृतिक आपदाएं चुनौतीपूर्ण होती हैं, लेकिन हमारी तत्परता, समन्वय और संवेदनशीलता ही हमें इनसे निपटने में सक्षम बनाती है। सरकार हर नागरिक की सुरक्षा और सुविधा के लिए संकल्पबद्ध है।"

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