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उत्तराखंड को फ़िलहाल बारिश से राहत नहीं, तेज बारिश का येलो अलर्ट, करीब 500 सड़कें बंद

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 3 सित॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 4 सित॰

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उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में भूस्खलन, सड़कों के कटाव, और नदियों के उफान ने हालात को बेहद गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के 11 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


राज्य में तबाही के हालात, सड़कें बंद, गांव कटे

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में उत्तराखंड में 486 सड़कें बाधित हो चुकी हैं। इन सड़कों के अवरुद्ध होने से कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है और ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भूस्खलन की जद में आए गांवों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।


झील में जमा मलबा बना खतरा, लाखों लोगों को खतरा

उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी क्षेत्र में स्थित एक झील के मुहाने पर लगभग 25 लाख घन मीटर मलबा जमा हो गया है, जिससे भारी खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह मलबा अचानक बह निकला, तो निचले क्षेत्रों में भीषण तबाही हो सकती है। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए NDRF और SDRF की टीमें मौके पर तैनात हैं और सतत निगरानी की जा रही है।


11 जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में भी प्रदेश में तेज बारिश जारी रह सकती है।

ऑरेंज अलर्ट: देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर और बागेश्वर

येलो अलर्ट: पौड़ी, टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़

आकाशीय बिजली की चेतावनी: हरिद्वार जिले में कहीं-कहीं बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।


मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. सी.एस. तोमर ने बताया कि अगले एक सप्ताह तक अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है।


भूस्खलन से गांवों में संकट, राहत कार्य जारी

रुद्रप्रयाग के बसुकेदार और जखोली विकासखंडों के कई गांव लगातार हो रहे भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। अब तक यहां से 40 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।


चमोली जिले के थराली क्षेत्र के राड़ीबगड़, मोपाटा और नंदा नगर गांवों में भी भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कई सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं, जिससे जनजीवन ठप हो गया है। वहीं, छेनागाड़ गदेरे में भारी मलबे में दबे 9 लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।



मुख्यमंत्री धामी ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।


सड़कों की स्थिति बेहद खराब, सबसे अधिक सड़कें उत्तरकाशी और बागेश्वर में बंद

राज्य में बंद सड़कों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है:

उत्तरकाशी: 63 सड़कें बंद

बागेश्वर: 63 सड़कें

चमोली: 59

रुद्रप्रयाग: 51

टिहरी: 34

इन बाधाओं के चलते आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।


गणेश विसर्जन के दौरान हादसा, रामगंगा नदी में बहे दो भाई

गणेश महोत्सव के दौरान एक दर्दनाक हादसा भी सामने आया है। जसपुर निवासी दो सगे भाई बिजनौर के भूतपुरी क्षेत्र में रामगंगा नदी में प्रतिमा विसर्जन के दौरान बह गए।

गोताखोरों और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार उनकी तलाश कर रही हैं, लेकिन शाम सात बजे तक कोई सफलता नहीं मिली थी। थाना प्रभारी सुमित राठी ने बताया कि सर्च अभियान रातभर जारी रहेगा।

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