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उत्तराखंड में फिर बरसेगा कहर, तीन जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट जारी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड में मॉनसून का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य के पर्वतीय जिलों में हो रही भारी बारिश न केवल जनजीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि भूस्खलन और सड़क बंद होने जैसी आपदाओं की आशंका भी बढ़ गई है। इसी क्रम में आज भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।


भारी बारिश और लैंडस्लाइड की चेतावनी

मौसम विभाग ने चेताया है कि इन जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है, जिससे भूस्खलन, नदियों का जलस्तर बढ़ना, और यात्रा मार्ग बाधित होने जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। पर्वतीय सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में बाधा आ सकती है और संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा विशेष रूप से अधिक बना हुआ है।


सड़कों के बंद होने और ट्रैफिक में व्यवधान की आशंका

बीते कुछ दिनों से राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। अधिकारियों ने यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को सतर्क रहने तथा अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी लेना आवश्यक है।


'सचेत' ऐप और आपदा कंट्रोल रूम नंबरों का उपयोग करें

प्रशासन ने नागरिकों से ‘सचेत’ मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की अपील की है, जिससे उन्हें मौसम अलर्ट, आपदा से जुड़ी जानकारी और आपातकालीन उपायों की सूचना समय पर मिल सके। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता पाने के लिए ERSS 112, 1070, और 1077 नंबरों का प्रयोग करने का आग्रह किया गया है।


जनता से सतर्कता बरतने की अपील

आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे, पहाड़ी ढलानों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। विद्यालयों में भी बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए कई जगहों पर छुट्टियाँ घोषित की जा सकती हैं यदि वर्षा की तीव्रता बनी रहती है।


अलर्ट स्तर क्या है?

ग्रीन अलर्ट – सामान्य सतर्कता

येलो अलर्ट – मौसम खराब हो सकता है, सतर्क रहें

ऑरेंज अलर्ट – भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी, तैयार रहें

रेड अलर्ट – अत्यंत गंभीर स्थिति, आवश्यक कार्रवाई करें


उत्तराखंड में मॉनसून ने एक बार फिर आपदा की आशंका को जन्म दे दिया है। सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां अलर्ट पर हैं, लेकिन नागरिकों को भी अपनी सतर्कता और जागरूकता से खतरे को टालने में भूमिका निभानी होगी। प्रशासन की सलाहों का पालन करना और किसी भी स्थिति में संयम बनाए रखना बेहद आवश्यक है।

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