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UK: हिमस्खलन हादसे के बाद CM धामी का बड़ा ऐलान, एवलांच जैसी आपदाओं पर काबू पाने के लिए निगरानी तंत्र तैयार करेगा राज्य

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 मार्च
  • 2 मिनट पठन


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उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन की घटनाओं पर काबू पाने और उनसे होने वाली क्षति को न्यूनतम करने के लिए राज्य सरकार एक प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने की दिशा में कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बाबत अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में हिमस्खलन से होने वाली क्षति को कम करने के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र की जरूरत है, ताकि ऐसी आपदाओं के प्रभाव को समय रहते कम किया जा सके।


माणा में हिमस्खलन के बाद बचाव कार्यों में जुटी टीमों के साहस और समर्पण की मुख्यमंत्री ने सराहना की और इस अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री धामी ने घटनास्थल का हवाई निरीक्षण भी किया और देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से बचाव कार्यों की निरंतर निगरानी रखते हुए अभियान की प्रगति पर अपडेट लिया।


रविवार को मुख्यमंत्री ने आपातकालीन परिचालन केंद्र में विस्तृत समीक्षा की और बताया कि इस आपदा में 54 श्रमिकों में से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश आठ श्रमिकों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना, वायु सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन, यूकाडा, और स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित एजेंसियों ने अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया।


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से प्रभावितों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी। हादसे में मृत श्रमिकों के शव उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी।


वहीं, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने माणा में हिमस्खलन में श्रमिकों के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत श्रमिकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। राज्यपाल ने इस हादसे में घायल श्रमिकों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की।


राज्यपाल ने कठिन और प्रतिकूल मौसम के बावजूद राहत और बचाव कार्यों में जुटी सभी एजेंसियों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना, वायु सेना, आइटीबीपी, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग, उत्तराखंड पुलिस, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन ने अत्यधिक साहस, धैर्य और तत्परता के साथ शानदार कार्य किया है।

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