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Uttarkashi Cloudburst: आपदा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र की टीम करेगी दौरा, राहत कार्यों की बनेगी रणनीति

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 8 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद अब केंद्र सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों में तेज़ी लाने के लिए कमर कस ली है। आगामी सप्ताह में केंद्र सरकार की एक अंतर मंत्रालयीय टीम राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। इस उच्च स्तरीय टीम में विभिन्न मंत्रालयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो आपदा से हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करेंगे, साथ ही बचाव एवं राहत कार्यों की रणनीति भी तैयार करेंगे।


इसके अलावा, भागीरथी नदी के ऊपरी क्षेत्र में बनी अस्थायी झील से पानी की निकासी सुनिश्चित करने और किसी संभावित खतरे से निपटने के लिए एक संयुक्त निगरानी टीम गठित की जाएगी। इस टीम में सेना और राज्य की आपदा प्रबंधन एजेंसियां शामिल होंगी, जो मौके पर पहुंचकर स्थिति पर पैनी नजर रखेंगी और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेंगी।


धराली आपदा की समीक्षा में लिए गए कई अहम निर्णय

गुरुवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की, जिसमें धराली क्षेत्र में जारी राहत और बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की गई। एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशनों की नियमित निगरानी की जा रही है और उत्तराखंड सरकार को तत्काल आवश्यक सहायता भी प्रदान की जा रही है।


राजेंद्र सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि धराली क्षेत्र के पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। आपदा से हुई क्षति का प्रारंभिक आकलन करने के उद्देश्य से केंद्र की टीम अगले सप्ताह स्थल निरीक्षण के लिए भेजी जा रही है।


झील की निगरानी और जल निकासी पर विशेष ध्यान

बैठक के दौरान यह निर्देश भी दिए गए कि हर्षिल क्षेत्र के ऊपरी हिस्से में बन रही झील की सतत निगरानी की जाए। केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने इस संबंध में गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और राज्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम को तत्काल मौके पर भेजा जाए।


उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जिस झील की आशंका जताई जा रही है, उसमें पानी की निकासी हो रही है और स्थिति नियंत्रण में है। एक विशेषज्ञ टीम ने पहले ही झील का स्थल निरीक्षण कर लिया है।


बहु-एजेंसी समन्वय से रेस्क्यू अभियान तेज़

इस समीक्षा बैठक में सेना, आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), बीआरओ (सीमा सड़क संगठन), वायु सेना, मौसम विज्ञान विभाग समेत कई महत्वपूर्ण एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सभी अधिकारियों ने मिलकर आगामी रेस्क्यू ऑपरेशनों की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की।


बैठक में एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन, एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसईओ क्रियान्वयन राजकुमार नेगी सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे।

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