top of page

कहां दफ्न हैं धराली की चीखें? राहत जारी, मगर सब्र टूटने की कगार पर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 अग॰
  • 3 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित धराली और हर्षिल क्षेत्र इस समय एक अभूतपूर्व आपदा से जूझ रहे हैं। 5 अगस्त को बादल फटने और खीरगंगा नदी में आई भीषण बाढ़ के बाद जो विनाश हुआ, उसने पूरे देश का ध्यान खींचा।


गंगोत्री धाम के निकट हुए इस हादसे की भयावह तस्वीरें चंद मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। चार धाम यात्रा मार्ग का प्रमुख पड़ाव धराली बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे ना केवल तीर्थयात्रा ठप पड़ी है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों की आजीविका भी संकट में आ गई है।


झील बनी हर्षिल, मलबे में दबा धराली

बाढ़ के बाद हर्षिल क्षेत्र में एक अस्थायी झील बन गई है, जिससे आस-पास के इलाकों को खतरा बना हुआ है। धराली गांव में दर्जनों मकान मलबे में दब चुके हैं और सन्नाटा पसर गया है। यात्रा पथ, बाज़ार और होटल ध्वस्त हो गए हैं, जिससे हजारों तीर्थयात्री और स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं।


रेस्क्यू ऑपरेशन: 6 दिन में 1300+ लोगों को बचाया गया

रविवार तक कुल 1313 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से अकेले पांचवें दिन 480 लोगों को रेस्क्यू किया गया। सेना, ITBP, NDRF, SDRF और जिला प्रशासन के संयुक्त अभियान में हवाई और जमीनी मार्गों से लगातार राहत कार्य जारी हैं।


हैदराबाद से लाए गए सीपीआर रडार (Ground Penetrating Radar) की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश तेज़ की गई है। इसके अलावा डॉग स्क्वॉड, ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरा और अन्य उपकरणों की सहायता से 24 घंटे तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अब भी 49 लोग लापता बताए जा रहे हैं।


धराली के पुनर्वास के लिए सरकारी प्रयास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा के बाद क्षेत्र का दौरा कर तत्काल राहत की घोषणा की।


पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए ₹5 लाख की आर्थिक सहायता


आपदा में मृतकों के परिजनों को भी ₹5 लाख का मुआवज़ा


तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो एक सप्ताह में नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देगी


यूपीसीएल ने बिजली बहाल कर प्रशासन के राहत प्रयासों को मजबूती दी


प्रशासन की तत्परता: गर्भवती महिला को हेलीकॉप्टर से पहुंचाया अस्पताल

आपदा के बीच एक मानवीय तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा, जब झाला गांव की 32 वर्षीय गर्भवती प्रियंका को प्रसव पीड़ा के दौरान समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए रेस्क्यू टीम ने देवदूत जैसी भूमिका निभाई।

हर्षिल हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के जरिए महिला को मातली हेलीपैड और वहां से एंबुलेंस द्वारा जिला अस्पताल ले जाया गया। अब उनकी हालत स्थिर है।


सोशल मीडिया पर फैलाई अफवाहें, 4 पर मुकदमा

आपदा के बाद कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उत्तेजक और साम्प्रदायिक पोस्ट शेयर की, जिन्हें लेकर देहरादून कोतवाली में चार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने या भावनाएं भड़काने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


राजनीति नहीं, राहत की ज़रूरत: मुख्यमंत्री की अपील

सीएम धामी ने विपक्ष से आपदा में राजनीति न करने की अपील करते हुए कहा:


“यह वक्त आरोप लगाने का नहीं, बल्कि मिलकर संकट से निपटने का है। हम सबको सकारात्मकता के साथ प्रभावित लोगों की मदद करनी चाहिए।”


धराली-हर्षिल की यह आपदा केवल एक प्राकृतिक घटना नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं, प्रशासनिक तत्परता और सामाजिक जिम्मेदारी की असली परीक्षा बन चुकी है। जहां एक ओर प्रकृति ने विनाश का तांडव मचाया, वहीं दूसरी ओर सैनिकों, राहतकर्मियों और आम नागरिकों ने मिलकर मानवता की मिसाल पेश की।

bottom of page