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उत्तरकाशी में आपदा के बाद चिकित्सा सेवाएं हाई अलर्ट पर, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द, अस्पतालों में बेड आरक्षित

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 अग॰
  • 2 मिनट पठन

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उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में हाल ही में हुई भीषण आपदा के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित और सख्त कदम उठाते हुए संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था को अलर्ट मोड पर रख दिया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को निर्देशित किया है कि आपदा प्रभावितों के उपचार में कोई कमी न आने पाए।


स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही सर्जन, निश्चेतक, फिजिशियन और आर्थोपेडिक विशेषज्ञों की एक टीम को धराली क्षेत्र के लिए रवाना किया गया है, ताकि घायलों को समय पर उचित उपचार मिल सके। स्वास्थ्य निदेशक, गढ़वाल को इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो पूरी चिकित्सा व्यवस्था की निगरानी करेंगे।


आपदा में घायल लोगों के इलाज हेतु राजकीय मेडिकल कॉलेज दून और एम्स ऋषिकेश में विशेष रूप से बेड आरक्षित किए गए हैं। साथ ही उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून जिलों के सरकारी अस्पतालों को भी तैयार रहने का आदेश दिया गया है। गंभीर रूप से घायलों के त्वरित इलाज के लिए राज्यभर के सभी बड़े अस्पतालों को आवश्यक दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।


राज्यभर की 108 एंबुलेंस सेवाओं को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि आपदा क्षेत्र से पीड़ितों को तुरंत चिकित्सा सुविधा तक पहुंचाया जा सके। इसके अतिरिक्त, उत्तरकाशी जिले में 24×7 आपातकालीन नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जो सभी राहत और चिकित्सा गतिविधियों का समन्वय करेगा।


स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने धराली गांव की आपदा पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, "राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।"


राज्य सरकार की इस तत्परता और सुदृढ़ चिकित्सा प्रबंधन से यह स्पष्ट है कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी से राहत और उपचार कार्यों में जुटे हुए हैं।

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