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ऋषिकेश को हरा-भरा बनाने में जुटे कई संगठन, पौधरोपण से प्रकृति बचाने का संकल्प

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिनगरी को हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों ने एकजुट होकर पौधरोपण अभियान चलाया। मंगलवार को शहर सहित आसपास के इलाकों में पौधरोपण के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें न केवल पौधे लगाए गए बल्कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया गया।


ऋषिकेश के प्रमुख संगठनों ने मिलकर औषधीय एवं फलदार वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया और पर्यावरण संरक्षण को लेकर मजबूत संकल्प व्यक्त किया। परशुराम महासभा ने हरेला पर्व के उपलक्ष्य में नाभा हाउस परिसर में पौधरोपण किया। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।


गुरुवार को लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन एवं टैक्स बार एसोसिएशन ने आयकर विभाग, ऋषिकेश परिसर में पौधरोपण किया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व ज्वाइंट कमिश्नर सीएल मीणा ने किया। मीणा ने बताया कि सन 1860 से आयकर विभाग देश के विकास में अपना योगदान दे रहा है और पर्यावरण संरक्षण के लिए विभाग लगातार पौधरोपण अभियान संचालित करता है।


लायंस क्लब ऋषिकेश डिवाइन के संस्थापक ललित मोहन मिश्र एवं अध्यक्ष विनीत चावला ने कहा कि हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाएं पृथ्वी के पर्यावरण में असंतुलन की चेतावनी हैं। ऐसे में पौधरोपण और हरियाली बनाना हमारा नैतिक कर्तव्य बन जाता है। टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुकरेती ने भी ऋषिकेश को हरा-भरा बनाने में जनता की भागीदारी आवश्यक बताई और लोगों को जागरूक करने की बात कही।


इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर अजय आनंद, रजनी रावत, क्लब सचिव शिवम अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध गुप्ता, एवं कई अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित थे। वहीं भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत ने भी भाजपाईयों के साथ मिलकर ज्योति विशेष स्कूल में पौधरोपण किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष राजेन्द्र तडियाल, मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, पार्षद तनु तेवतिया सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर पर्यावरण संरक्षण की सनातन परंपरा को याद दिलाते हुए कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि आज के वैश्विक पर्यावरण संकट का समाधान भी है। उन्होंने कहा कि हमें इसे केवल एक रस्म समझकर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय चेतना के रूप में अपनाना होगा। तभी हम आने वाली पीढ़ियों को हरा-भरा, समृद्ध और शांतिपूर्ण विश्व दे पाएंगे।


इस कार्यक्रम के अंतर्गत परिसर में कई पौधे भी लगाए गए, जो इस संदेश को मूर्त रूप देते हैं कि पर्यावरण संरक्षण अब सिर्फ एक आवश्यकता नहीं बल्कि हमारा कर्तव्य है।

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