झूठे दावों पर लगेगी रोक, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं होगा... सीएम धामी का बयान
- ANH News
- 5 अप्रैल
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उत्तराखंड: वक्फ संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे सभी नागरिकों के संविधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए जा रहे सुशासन और न्यायिक सुधारों के प्रयासों का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया पर इस विधेयक का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, कानूनी स्पष्टता और न्यायिक संतुलन स्थापित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए लाया गया है।
धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विधेयक के लागू होने से झूठे और अवैध दावों पर रोक लगेगी, जिससे भूमि और संपत्ति से जुड़े विवादों का निष्पक्ष समाधान संभव होगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग न हो और उनका उपयोग समाज के व्यापक हित में किया जाए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने इस संशोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों को संविधान के दायरे में लाना जरूरी था, क्योंकि कांग्रेस सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के लिए वक्फ कानून का दुरुपयोग किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि 2013 के संशोधन के बाद कांग्रेस ने 2014 के चुनावों में लाभ प्राप्त करने के लिए दिल्ली की प्रमुख स्थानों की 113 संपत्तियां वक्फ बोर्ड के सरमायेदारों को दे दी थीं। भाजपा सरकार ने इस कानून में संशोधन कर इसे संविधान के दायरे में वापस लाकर एक अहम कदम उठाया है।
मनवीर सिंह चौहान ने यह भी कहा कि अब वक्फ बोर्ड के पास किसी भी संपत्ति को हथियाने का अधिकार नहीं रहेगा और यदि ऐसा होता है तो पीड़ित व्यक्ति न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकेगा, जैसा कि कांग्रेस सरकार ने पहले लोगों से यह अधिकार छीन लिया था। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का विरोध केवल मुस्लिम समाज के कुछ ठेकेदार ही कर रहे हैं, जबकि यह विधेयक सभी नागरिकों के हित में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कानून के लागू होने के बाद उत्तराखंड में अवैध कब्जों को हटाने की प्रक्रिया और तेज़ हो जाएगी।
इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर कड़ी निगरानी और सुधारात्मक कार्रवाई की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।





