चारधाम यात्रा रोकने की जिम्मेदारी किसके हाथ? धामी सरकार ने किया बड़ा ऐलान
- ANH News
- 30 जून
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उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस बीच मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के चलते रविवार को चारधाम यात्रा पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी गई थी। हालांकि, सोमवार सुबह 8 बजे प्रशासन ने यात्रा पुनः शुरू करने का फैसला किया। लेकिन अब मौसम की अनिश्चितता और भूस्खलन जैसी जोखिम भरी परिस्थितियों को देखते हुए चारधाम यात्रा से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार जिलों के जिला magistrate (DM) और पुलिस अधीक्षक (SSP) को दे दिया गया है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि सोमवार सुबह विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक जिला प्रशासन अपने-अपने क्षेत्र में मौसम और भू-आकृतिक स्थिति के अनुसार यात्राओं को संचालित या रोकने का फैसला करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और यात्रा रोकने की स्थिति में यात्रियों के ठहराव के लिए विशेष होल्डिंग पॉइंट बनाए जाएंगे, ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो।
यमुनोत्री हाईवे की स्थिति चुनौतीपूर्ण, रास्ता खोलने का प्रयास जारी
भारी बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे रविवार को बंद हो गया था, जो अभी तक पूरी तरह से खोलना संभव नहीं हो पाया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी और राहत एजेंसियां हाईवे को खोलने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि रास्ता खोलने का काम तेज़ी से चल रहा है, लेकिन हाईवे खुलने तक यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार और ऋषिकेश में ठहरने का निर्देश दिया गया है, ताकि वे सुरक्षित रह सकें और अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ रूट पर यात्रा सामान्य रूप से जारी
वहीं, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ के मार्गों पर यात्रा फिलहाल सामान्य रूप से चल रही है। हालांकि, पिछले साल 31 जुलाई 2024 को भारी बारिश के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से इस रूट को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। वर्तमान में रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा जारी है, जबकि बद्रीनाथ हाईवे भी पूरी तरह खुल चुका है और श्रद्धालु दर्शन के लिए बद्रीनाथ पहुंच रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे पर भी यातायात सामान्य है।
प्रशासन की प्राथमिकता: यात्रियों की सुरक्षा
प्रशासन ने बार-बार कहा है कि भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। यदि मौसम खराब होता है तो तुरंत यात्रा रोक दी जाएगी और यात्रियों के लिए सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, संबंधित विभागों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
उत्तराखंड में मानसून की अनिश्चितताओं के बीच चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक-थाम और सतर्कता बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन और राज्य सरकार मिलकर हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति पर नजर रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित और आरामदायक रहे।





